मनाली, 14 जून (आईएएनएस)। अब से हिमाचल प्रदेश के मनाली के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटक बड़ागुड़ा में एक ही छत के नीचे पूरी पहाड़ी संस्कृति देख सकेंगे. यहां आने वाले पर्यटक पहाड़ी व्यंजनों और अन्य स्थानीय व्यंजनों का आनंद भी ले सकते हैं।
इसके अलावा पर्यटक 3डी सिस्टम के माध्यम से हिमाचल के विभिन्न जिलों की खूबसूरत घाटियों को भी देख सकते हैं। जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुनैना शर्मा ने देवलोक सांस्कृतिक पार्क परिसर का निरीक्षण कर यहां की सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 2022 में बड़ाग्रां में देवलोक सांस्कृतिक थीम पार्क खोला है ताकि यहां आने वाले पर्यटक पहाड़ी संस्कृति और पहाड़ी भोजन का आनंद ले सकें। राज्य सरकार ने एक निजी कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है और वर्तमान में राज्य का संचालन उसी कंपनी के माध्यम से किया जा रहा है। यहां पर्यटकों के लिए आवास की भी व्यवस्था की गई है। जल्द ही हस्तशिल्प और हथकरघा पर कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुनैना शर्मा ने कार्यशाला से पहले स्थल का निरीक्षण किया और कंपनी के अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों को पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए ताकि कुल्लू मनाली आने वाले पर्यटक एक ही छत के नीचे हिमाचल प्रदेश की संपूर्ण संस्कृति देख सकें। उन्होंने कहा कि इसे जल्द से जल्द दुरुस्त करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इस पार्क की शुरुआत राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए की थी और अब यह पार्क पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। इसी कड़ी में आने वाले दिनों में यहां स्कूली बच्चों के लिए स्थानीय भोजन और संस्कृति पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा यहां पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती हैं।
देवलोक सांस्कृतिक पार्क के प्रबंध निदेशक शिवम चौहान ने कहा कि पार्क में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और वे एक छत के नीचे हिमाचली संस्कृति को देख सकते हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में पर्यटकों की सुविधा बढ़ाने के लिए अन्य सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी।
देवलोक सांस्कृतिक पार्क घूमने आए पर्यटकों ने कहा कि यहां एक ही छत के नीचे हर चीज का आनंद लेते हैं. उन्होंने 3डी सिस्टम के जरिए हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों का नजारा कैद किया। पार्क में हथकरघा और शिल्प से संबंधित वस्तुओं का भी भंडारण किया जाता है। इस लिहाज से अब वे हिमाचल की संपूर्ण संस्कृति को एक ही पार्क में देख सकेंगे।
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