{“_id”:”66fededbc6dee56fbf0ac854″,”slug”:”श्रीमद्भागवत-कथा से पहले-101-महिलाएं-कलश-यात्रा-नारनोल-समाचार-c-203-1-sroh1012-112491-2024- निकालीं 10-03″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”महेंद्रगढ़ नारनौल समाचार: श्रीमद्भागवत कथा बहिष्कार से पहले 101 महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा”,”category”:{“title ” :”शहर और राज्य”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”स्लग”:”शहर और राज्य”}}
संवाद न्यूज एजेंसी, महेंद्रगढ़/नारनौल अपडेटेड 03 अक्टूबर, 2024 (गुरुवार) 11:43 PM IST
फोटो संख्या: 53 – कनीना – संवाद में श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ पर कलश यात्रा निकालती महिलाएं
ट्रेंडिंग वीडियो इस वीडियो/विज्ञापन को हटा दें। कनीना के श्री श्याम मंदिर में गुरुवार को सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। कथा के शुभारंभ पर 101 महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। कलश यात्रा बाबा मोहर्धनाथ मंदिर, बस स्टैंड, मंडी टी प्वाइंट, हनुमान मंदिर, बिजली बोर्ड, अंबेडकर चौक, अर्धनिजी अस्पताल होते हुए कथा स्थल पर पहुंची। लोकप्रिय वीडियो इस वीडियो/विज्ञापन को हटा दें
पंडित हेमराज शास्त्री ने श्रद्धालुओं को भागवत कथा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह सभी कथाओं में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। जिन स्थानों पर यह कथा घटित होती है उन्हें तीर्थ स्थल कहा जाता है। मनुष्य अनेक पापों से मुक्त हो जाता है, भले ही उसने गलत भी सुना हो। तो 7 दिनों तक चलने वाली इस पवित्र कथा को सुनें और अपने जीवन को एक नई दिशा दें। जो लोग किसी कारणवश 7 दिन तक नहीं सुन सकते उन्हें 2, 3 या 4 दिन का ही समय अलग रखना चाहिए। चूंकि यह कथा भगवान श्री कृष्ण के मुख से निकली है और इसमें उनके अवतार से लेकर कंस वध तक की घटनाओं का उल्लेख है, इसलिए उन्हें आज भी इसका फल मिल सकता है। यह कथा सबसे पहले अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित ने सुनी थी और इससे उनका तक्षक नामक सर्प द्वारा काटे जाने से मृत्यु का भय दूर हो गया और उन्हें मोक्ष मिल गया।
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