गोंडा: उत्तर प्रदेश में गोंडा जिले के वजीरगंज क्षेत्र के कोंडल गांव में महान योग प्रणेता की स्मृति में एक भव्य मंदिर बनाने की योजना है, जिसे महर्षि पतंजलि का जन्मस्थान माना जाता है। कोंडोर झील के तट पर स्थित यह गाँव अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान के लिए जाना जाता है, जहाँ महर्षि पतंजलि ने योग सिखाया और ध्यान का अभ्यास किया। इस गांव की कहानी और कोंडर झील का मिथक आज भी ग्रामीणों की चर्चाओं में जिंदा है.
योग के जनक महर्षि पतंजलि की भूमि कोंडल
कोंडेल गांव जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर है. धार्मिक ग्रंथों में इसे महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है। लोग इस पवित्र स्थान को देखने के लिए यहां आते हैं, जिसे भगवान शेषावतार का प्रतिरूप माना जाता है। गांव के महंत पवन दास बताते हैं कि महर्षि ने यहीं रहकर योग का प्रचार-प्रसार किया और यहीं से ध्यान किया।
गांव वालों की आंखों में गर्व
कोंडर गांव निवासी विपीन सिंह ने लोकल 18 को बताया कि हम भाग्यशाली हैं कि महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली में जन्म लिया. यहां की जमीन अब तक उपेक्षित थी, लेकिन विधायक प्रेम नारायण पांडे के प्रयास से जीर्णोद्धार का काम चल रहा है. इसके आधार पर क्षेत्र को विकसित करने और नई पहचान देने के लिए 118 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
ऐतिहासिक स्थलों के रखरखाव हेतु पहल
पतंजलि की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर के निर्माण कार्य का उद्घाटन वजीरगंज विधायक प्रेम नारायण पांडे ने किया है. मंदिर में महर्षि पतंजलि की एक मूर्ति लगाई जाएगी और यहां आने वाले भक्तों को उनके योगदान की प्रशंसा करने का मौका दिया जाएगा। लेक कोंडोर, गांव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, क्षेत्र की ऐतिहासिक विरासत का भी हिस्सा है।
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पहली बार प्रकाशित: 28 अक्टूबर, 2024, 13:19 IST