इंदौर हेल्थ डेस्क। गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुझाव: बारिश के मौसम में दूषित पानी के कारण डायरिया, हाइपरएसिडिटी और पेट से जुड़ी अन्य समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है। इस स्थिति में गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे भी प्रभावित हो सकते हैं।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है
प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ योगिता परिहार ने कहा कि बरसात के मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है और फेफड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. खासकर इस मौसम में पानी पीने से पहले उसे उबालना सुनिश्चित करें। अगर आप बाहर भी जाएं तो अपने साथ उबला हुआ पानी लेकर आएं।
बरसात के मौसम में महिलाओं को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत होती है।
प्रोफेसर योगिदा के मुताबिक, बारिश के मौसम में इस इलाके में अक्सर कीचड़ रहता है और फिसलन का खतरा रहता है। इसलिए महिलाओं को सावधान रहने की जरूरत है. बाहर का खाना खाने से भी बचना चाहिए। घर पर बना पौष्टिक भोजन मां और बच्चे दोनों के लिए अच्छा होता है।
मैं बच्चे को जन्म देने के बाद काम से छुट्टी ले लूंगी।
उन्होंने कहा कि आजकल महिलाएं भी कामकाजी हैं. वह 9 महीने तक कंपनी में जाकर काम कर सकती है। अगर आपको छुट्टी लेनी भी पड़े तो आपको बच्चे के जन्म के बाद छुट्टी लेनी चाहिए ताकि आप अपने बच्चे के साथ समय बिता सकें। गर्भवती महिलाओं को भी घर का काम करना पड़ता है।
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विशेषज्ञ की सलाह से योगाभ्यास करें
नियमित रूप से योगाभ्यास करना भी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसे किसी पेशेवर की सलाह से ही सही तरीके से किया जाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस दौरान उन्हें तनाव न हो। यदि आपको कोई समस्या आती है, तो सतर्क रहें और तुरंत पेशेवर मदद लें।
पोस्टकर्ता: कुशाग्र वलस्कर