प्रशांत किशोर को लेकर बहस बिहार से लेकर पूरे देश तक फैल गई है. रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने बहुत अच्छा काम किया है. प्रशांत किशोर ने अपने प्रयास और मां सरस्वती की कृपा से बिहार में एक नया इतिहास रच दिया. प्रशांत किशोर के विरोधी भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि उन्होंने न सिर्फ बिहार बल्कि भारत की राजनीति के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा है. प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने साढ़े तीन साल में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं.
चेतना मंच की टीम ने पूरे बिहार का दौरा कर एक बड़ी रिपोर्ट भेजी है. चेतना मंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में चल रहे विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज तीसरी सबसे बड़ी ताकत है। बिहार की हकीकत ये है कि प्रशांत किशोर ने बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधे मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.
महज साढ़े तीन साल के प्रयास में बिहार जैसे राज्य में तीसरी शक्ति के रूप में उभरना किसी चमत्कार से कम नहीं माना जाता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह पहली बार है कि कोई राजनीतिक दल महज साढ़े तीन साल में इतनी बड़ी राजनीतिक ताकत बनकर उभरा है। प्रशांत किशोर की पार्टी न सिर्फ बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ रही है बल्कि सभी सीटों पर उसकी मजबूत उपस्थिति भी है. प्रशांत किशोर
चुनाव से पहले भी प्रशांत किशोर जीत रहे थे.
चेतना मंच टीम की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में 6 और 11 नवंबर को वोटिंग होगी. चुनाव नतीजे 14 नवंबर को आएंगे, लेकिन इन हालात में प्रशांत किशोर ने चुनाव से पहले ही प्रचंड जीत हासिल कर ली. पिछले चार दशकों से बिहार की पूरी राजनीति एनडीए और महागठबंधन नेताओं के इर्द-गिर्द घूमती रही है. महज साढ़े तीन साल की मेहनत से प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में त्रिकोणीय लड़ाई पैदा कर दी है. पार्टी बनाना, 1.5 करोड़ से अधिक सदस्यों को जोड़ना, एक मजबूत पार्टी संरचना बनाना और इतने कम समय में 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारना प्रशांत किशोर की राजनीति में बड़ी उपलब्धि है।
भारतीय राजनीति में किसी राजनीतिक दल का इस तरह उदय पहले कभी नहीं देखा गया. कई राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर की इस उपलब्धि को बड़ी राजनीतिक जीत बता रहे हैं. प्रशांत किशोर की विपक्षी पार्टियों भारतीय जनता पार्टी, यूनाइटेड जनता दल, राष्ट्रीय जनता दल और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी पुष्टि की है कि बिहार चुनाव त्रिकोणीय होगा। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी बिहार की सभी विधानसभा सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ रही है.
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प्रशांत किशोर ने आम आदमी पार्टी से तुलना को बताया गलत.
प्रशांत किशोर द्वारा बिहार में किए गए राजनीतिक प्रयोग की तुलना दिल्ली में आम आदमी पार्टी द्वारा किए गए प्रयोग से की जा रही है. प्रशांत किशोर का कहना है कि उनकी पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच तुलना गलत है। प्रशांत किशोर का कहना है कि आम आदमी पार्टी का गठन आंदोलन से हुआ था. इस आंदोलन की शुरुआत अन्ना हजारे ने की थी और अरविंद केजरीवाल ने इसे खूब भुनाया. प्रशांत किशोर का कहना है कि जन सुराज पार्टी किसी भी आंदोलन में हस्तक्षेप नहीं कर रही है. जन सुराज पार्टी का जन्म बिहार की कड़वी वास्तविकताओं के कारण हुआ। प्रशांत किशोर
इस कारण जन सुराज पार्टी की तुलना अन्य राजनीतिक दलों से करना पूरी तरह से गलत है. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार का बेटा होने के नाते वह बिहार के लोगों के लिए हालात बदलने के लिए इस क्षेत्र में आये हैं. प्रशांत किशोर ने घोषणा की कि वह तब तक अपना अभियान जारी रखेंगे जब तक बिहार अप्रवास रहित विकसित देश नहीं बन जाता. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रशांत किशोर ने महानता हासिल की है और एक नया इतिहास रचा है. प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि 14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे बेहद चौंकाने वाले होंगे. उन्होंने कहा कि 14 नवंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार बिहार में पूरे बिहार की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार बनेगी. अब तक बिहार में 35 से 36 फीसदी लोगों के समर्थन से ही सरकारें बनती रही हैं. प्रशांत किशोर