
गैलिया बैंड. छत्तीसगढ़ के गरीबंद जिले में महिलाओं ने वृक्षारोपण का इतिहास रचा है. क्षेत्र की 17,000 महिलाओं ने अपने आंगन में 85,000 फलों के पेड़ लगाए हैं, जिससे उन्हें गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान मिला है। दरअसल, जिला प्रशासन ने पोषण निवेश कार्यक्रम लागू कर पौधारोपण का यह अनोखा रिकॉर्ड कायम किया है. कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने कहा कि अभियान का उद्देश्य छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और नवविवाहित महिलाओं को अभियान में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि वे भविष्य में अपने बच्चों के लिए फलों के पेड़ों का अधिकतम लाभ उठा सकें लोगों के लिए पोषण संबंधी निवेश। . इसलिए इस अभियान को पोषण निवेश भी कहा गया। यह अभियान पारागांव स्थित चयनित लाभार्थियों के सहयोग से जिला प्रशासन द्वारा चलाया गया और साथ ही जिले भर से चयनित लाभार्थियों ने न केवल पांच-पांच फलदार पौधे लगाए बल्कि जीवन भर फलदार पौधों की रक्षा करने की शपथ भी भरी।

इस व्यापक अभियान में जिले की 17,000 से अधिक महिलाओं ने 85,000 से अधिक पौधे लगाए। मनरेगा के माध्यम से जिले की विभिन्न नर्सरियों में तैयार किये गये फलदार पौधों का नि:शुल्क वितरण कर महिलाओं को उपलब्ध कराया गया। इस कार्यक्रम में चौराहों के बजाय लाभार्थियों के आंगन में पौधे लगाए गए। ताकि उन्हें शत-प्रतिशत देखभाल और सुरक्षा मिले।

पोषण निवेश कार्यक्रम के तहत महिलाओं ने अपने बगीचों में आम, अमरूद, नींबू, कटहल और हरे चने के पांच-पांच फलदार पेड़ लगाए। उन्होंने छोटे बच्चों की तरह उनकी देखभाल, सुरक्षा और पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी ली। विशेष विषयों पर आयोजित पोषण निवेश कार्यक्रमों के तहत वृक्षारोपण के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाए गए हैं। विशेष रूप से गर्भवती और नवविवाहित महिलाओं द्वारा एक दिन में 85,000 से अधिक पौधे लगाने के लिए इस क्षेत्र का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है।

छत्तीसगढ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स गोल्डन बुक के प्रमुख श्री सोनल शर्मा ने मीडिया की उपस्थिति में कलेक्टर श्री दीपक अग्रवाल को विश्व रिकॉर्ड ट्रॉफी, पदक और प्रमाण पत्र प्रदान किए और उनके अभिनव प्रयासों को मान्यता दी। कलक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि गर्भवती और नवविवाहित महिलाओं द्वारा एक दिन में 85 हजार से अधिक पौधे रोपने का यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। इसकी बदौलत इस जिले का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ रीता यादव, डीपीओ महिला एवं बाल विकास विभाग अशोक पांडे, अन्य अधिकारी, कर्मचारी और प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

इस अवसर पर कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से बचाना और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है। उन्होंने अधिक से अधिक पौधे लगाने से ज्यादा उन्हें बचाने पर जोर देते हुए कहा कि कार्यक्रम के तहत लगाए गए पौधों की सुरक्षा के आंदोलन में महिलाएं दृढ़ संकल्प के साथ भाग ले रही हैं। जिस तरह लोग अपने बच्चों के भविष्य की सुरक्षा के लिए बचत में निवेश करते हैं, उसी तरह भविष्य के बच्चों की देखभाल और पोषण के लिए पोषण निवेश कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। इसके आधार पर, प्रत्येक महिला ने एक बगीचे में पांच पौधे लगाए और उनकी देखभाल करने की कसम खाई जैसे कि वे अपने बच्चे हों। भविष्य में ये पौधे ऐसे फल प्रदान करेंगे जो महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से उबरने में मदद करेंगे। कलेक्टर अग्रवाल ने पोषण निवेश कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण करने और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तैयारी में भाग लेने वाली जिले की महिलाओं के प्रति आभार व्यक्त किया।
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