सागवाड़ा1 घंटे पहले
शहर के कान्हड़दास धाम बड़ा रामद्वारा में चातुर्मासरत शाहपुरा धाम के संत पुनित रामजी महाराज ने अपनी ईश्वर भक्ति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भक्ति दो प्रकार की होती है: चिंतन-भक्ति, भगवान का स्मरण और क्रिया-भक्ति, तत्वों का आनंद लेना। जब मीरा से उसकी माँ ने पूछा, “तुम्हारा कौन है?” फिर उन्होंने भक्तिपूर्वक कृष्ण की पूजा की और उन्हें अपना लिया। संत ने कहा कि आस्तिक की बहुत महिमा है। समर्पण से भक्त कुछ भी हासिल कर सकता है। संत ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण चीज मन है और हम जो भी ठान लें उसे हासिल कर सकते हैं, बस हमें ईमानदार और सकारात्मक प्रयास करने की जरूरत है।
मोह के बारे में बोलते हुए संत ने कहा कि हमें सभी से स्नेह से प्रेम करना चाहिए, लेकिन मोह से नहीं। चातुर्मास में यथासंभव धर्म ध्यान कर आत्म कल्याण करना चाहिए। हमें अपने परिवार को सनातन संस्कृति के अनुसार चलाना चाहिए और अपने बच्चों को सर्वोत्तम संस्कार देना चाहिए। प्रवक्ता बलदेव सोमपुरा ने गुरुवार को कहा कि संत प्रसाद बालकृष्ण बसरिया परिवार से हैं। रामद्वारा सेवा समिति अध्यक्ष सुधीर वाडेल ने बताया कि कथा का समय प्रतिदिन सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक रहेगा। कान्हड़दास धाम रामद्वारा में गुरु पूर्णिमा महोत्सव 21 जुलाई को होगा। संत के सानिध्य में पौधे भी रोपे गए। इस दौरान सुरेंद्र शर्मा, रमेश दर्जी, सुभाष पांचाल, प्रेमलता सुतार, शकुंतला सोमपुरा, लक्ष्मी पांचाल, भद्रशीला वाडेल, भावना सेवक और करुणा भट्ट सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे।