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छत्तीसगढ़ी कला और संस्कृति राष्ट्रीय पहचान: मंजू लता मेरसा


बिलासपुर. गोपाल किरण सोशल वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में जेपी वर्मा कॉलेज में सेमिनार एवं पुस्तक विमोचन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जेपी वर्मा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसएल निराला, सेवानिवृत्त जेल वार्डन राजेंद्र रंजन गायकवाड़, डीएसपी अनिता प्रभामिंजी, डॉ. जीसी भारद्वाज और लक्ष्मणेश्वर कॉलेज, करोद की शिक्षिका जलेश्वरी जेंदाले विशेष रूप से उपस्थित थीं. कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष श्री प्रकाश निमराज ने की। लोकतांत्रिक मूल्यों के विकास में डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान पर विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किये. इस अवसर पर दो पुस्तकें प्रकाशित हुईं: ‘संविधान के जनक डॉ. बीआर अंबेडकर’ (साझा संग्रह)। संपादक मणिशंकर दिवाकर, सह संपादक मंजू लता मेड़था, संयोजक उमाशंकर दिवाकर एवं ‘कला संस्कृति’ की मंजू लता मेड़था (कृष्णा मानसी) ने संग्रह प्रस्तुत किया।

मंजूलता मेर्था ने कहा कि कृष्णा मानसी मेरा उपनाम है। मैं एक कवि हूं और मुझे प्रकृति से प्यार है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी कला और संस्कृति राष्ट्रीय पहचान है। मैं अपनी कविताओं में प्रकृति की सुंदरता और मानवीय भावनाओं को जोड़ने का प्रयास करता हूं। मैं महिला सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा, छत्तीसगढ़ पांती भजन आदि के बारे में गीत, कविताएं, प्रेम गीत और मानवीय पहलुओं को लिखने का प्रयास करता हूं।

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव की पुस्तक ‘कॉमन कलेक्शन ऑफ नेशंस एंड पीपल्स’ में कवियों और लेखकों के लेखों और गीतों का परिचय शामिल है। बोधिसत्व के महान कार्यों, बलिदानों की कहानी, ज्ञान के प्रतीक, डॉ. भारत रत्न भीमराव अम्बेडकर की कहानी और उनके ज्ञान, तपस्या, विचारों और उनके द्वारा लिखे गए संविधान की महिमा का वर्णन कवियों, लेखकों और लेखकों द्वारा किया गया है। गीतकार. इसे खींचा गया है. कार्यक्रम में नृत्य, कविता और गीतों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को प्रदर्शित किया गया और ताहतपुर ब्लॉक से शिक्षिका श्रुति कोली, कविता श्रीवास और ममता बैरागी द्वारा स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस क्रम में छत्तीसगढ़ महतारी की उपासक सरिता निरंकारी और मीना दिवाकर का नृत्य प्रस्तुत किया गया। नृत्यों की इस श्रृंखला में सरका नवागांव हाई स्कूल के छात्रों ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी के सम्मान में नृत्य प्रस्तुत किया। छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों से आये वक्ताओं, लेखकों, कवियों एवं गीतकारों ने नृत्य कार्यक्रम की सराहना की। इस अवसर पर सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर एमआर चेलक एवं एसआर कुर्रे भी विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता एवं निदेशक बेमेटाला श्री मंजू लता मेलसा ने किया। आभार मणिशंकर दिवाकर ने व्यक्त किया।



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