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इस गांव की 80% महिलाएं पशुपालन का काम करती हैं और सरकारी स्कूलों में पढ़ाती हैं। मधुरापुर गांव की कहानी.


वैशाली: जिले के बिदुपुर के मधुरापुर गांव की महिला दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति ने महिला सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल पेश की. इस समिति की स्थापना 24 जनवरी 1987 को हुई थी और समिति में केवल 20 महिलाएँ थीं। यह संख्या अब बढ़कर लगभग 900 लोगों तक पहुंच गई है।

सुमन देवी की प्रेरक कहानी
सुमन देवी, जिनके पति एक किसान हैं, ने अपने गांव में एक डेयरी फार्म खोलने का फैसला किया क्योंकि उनके परिवार की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं थी। गांव में डेयरी किसानों के बीच सर्वे किया गया, लेकिन महिलाओं ने इस काम में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. फिर सुमन देवी ने साहसिक कदम उठाया और खुद भी इस काम से जुड़ गईं और 24 जनवरी 1987 को एक डेयरी फार्म खोला। एक महीने की ट्रेनिंग के बाद उन्होंने गांव में डेयरी फार्मिंग का काम शुरू किया।

सुमन देवी द्वारा अपने गांव में डेयरी फार्मिंग शुरू करने के बाद उन्हें समाज की आलोचना का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दृढ़ संकल्प के साथ काम करना जारी रखा। उनके परिवार ने भी उनका पूरा समर्थन किया, खासकर सुमन की सास ने, जिन्होंने उन्हें प्रोत्साहित किया और घर के अन्य कामों की जिम्मेदारी ली।

महिला प्रशिक्षण एवं जागरूकता
सुमन देवी ने धीरे-धीरे गांव की अन्य महिलाओं को पशुपालन का प्रशिक्षण देना शुरू किया। उन्होंने विभिन्न सम्मेलनों का आयोजन किया और महिलाओं को पहचान दिलाई। आज, गाँव की महिलाएँ पशुपालन में सक्रिय रूप से शामिल हैं, कुछ के पास दो, पाँच और एक गाय हैं।

वर्तमान स्थिति एवं परिणाम
आज सुमन देवी की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि 900 से ज्यादा महिलाएं गाय पाल रही हैं और प्रतिदिन 2,000 लीटर दूध सुधा डेयरी को सप्लाई किया जाता है. डेयरी केंद्र अब स्वचालित वसा मापने वाली मशीनों, जनरेटर, कंप्यूटर और अन्य आधुनिक मशीनरी से भी सुसज्जित है।

महिला सशक्तिकरण हेतु महत्वपूर्ण पहल
गाँव की महिलाएँ सुबह 4 बजे उठकर काम शुरू कर देती हैं और पूरा दिन समिति के विकास और चरवाहों के साथ समस्याओं को सुलझाने में बिताती हैं। सुमन देवी ने बताया कि डेयरी फार्म खोलने से पहले उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन अब इस काम की बदौलत न केवल उनके परिवार की स्थिति में सुधार हुआ है, बल्कि गांव की महिलाओं की स्थिति भी अच्छी हो गई है. सुमन देवी और उनकी टीम गाँव की महिलाओं को बैठकों और सुविधाओं के माध्यम से निरंतर सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करती है।

टैग: बिहार समाचार, स्थानीय18

पहली बार प्रकाशित: 14 सितंबर 2024, 18:34 IST



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