इटारुशी. शासकीय कन्या महाविद्यालय इटारसी में गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दूसरे दिन बौद्धिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। कार्यक्रम के अतिथि पूर्व प्राचार्य डॉ. कुमकुम जैन एवं पूर्व हिंदी प्राध्यापक डॉ. श्रीराम निवारिया थे। विश्वविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा ने कहा कि शैक्षिक जगत में ज्ञान हस्तांतरण बहुत महत्वपूर्ण है। गुरु पूर्णिमा मनाने की परंपरा ज्ञान को पीढ़ियों तक संरक्षित करने और प्रसारित करने के महत्व पर जोर देती है। पूर्व प्राचार्य डॉ. कुमकुम जैन ने कहा कि ध्यान और योग मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। श्रीराम निवारिया ने कहा कि हमें भारतीय संस्कृति के वंशज और असीम गौरव के स्वामी होने पर गर्व है जिनके महान गुरुओं ने सदैव मरती मानवता को जीवन शक्ति प्रदान की है। कार्यक्रम का संचालन करने वाले डॉ. शिरीष परसाई ने आधुनिक शिक्षा प्रणालियों में नवाचार की भूमिका और आवश्यकता का परिचय दिया और कहा कि बदलते समय के अनुरूप शिक्षा प्रणाली को अद्यतन करने की आवश्यकता है। नवाचार शिक्षा को अधिक प्रासंगिक और उपयोगी बनाता है। डिजिटल शिक्षा, ऑनलाइन पाठ्यक्रम, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग और वैयक्तिकृत शिक्षण जैसे नवाचारों को पेश करना हमारी शिक्षा प्रणालियों को अधिक प्रभावी, आकर्षक और भविष्य के लिए तैयार बना सकता है। कार्यक्रम को डॉ. हर्षा शर्मा ने भी संबोधित किया। छात्रा काशिफा खान एवं हेमा पटेल ने नृत्य के माध्यम से गुरु वंदना प्रस्तुत की। डॉ. हरप्रीत रंधावा, रवींद्र चौरसिया, पूनम साहू, डॉ. शिरीष परसाई, डॉ. संजय आर्य, डॉ. सीख गुप्ता, डॉ. श्रद्धा जैन, डॉ. नेहा शिकरवार, एनआर मालवीय, करिश्मा कश्यप, प्रिया कलोसिया, क्षमा वर्मा, तरूणा तिवारी एवं हेमन्त गोहिया ने कार्यक्रम में भाग लिया।