मऊ संवाददाता।
सदियों से हम सुनते आए हैं कि भारत कभी सोने की चिड़िया था, लेकिन सोने की चिड़िया का मतलब यह नहीं कि भारत में सोने की खदानें थीं। बल्कि हमारे शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता, ज्ञान, संस्कृति, मूल्य और यहां की शिक्षा ही हमारी नींव थी।
यह बात जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शहर के एक चौराहे पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि 11वीं सदी में विश्व अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी एक तिहाई थी, लेकिन 15वीं सदी में यह घटकर एक-चौथाई रह गई। हालाँकि, उसके बाद धीरे-धीरे इसमें गिरावट आनी शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में स्टार्टअप क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है। चाहे हम दुनिया में कहीं भी हों, चाहे कोई भी युद्ध हो, लोग हमें आशा से देखते हैं। जब इराक और सूडान में भारतीयों को परेशानी हुई. भारतीय विमान के उतरते ही दोनों देशों के बीच सैन्य सेवाओं पर विराम लग जाएगा. आज जब भी दुनिया के किसी भी हिस्से में कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो भारत मानवता की मदद करने में सबसे आगे नजर आता है। इस सदी के सबसे बड़े संकट कोरोना वायरस में भारत ने ऐसी वैक्सीन लॉन्च की है, जिसने न सिर्फ 14 करोड़ भारतीयों बल्कि दुनिया भर के लोगों की जान बचाई है। उन्होंने कहा कि पूर्वाचल का इतिहास बहुत गौरवशाली है और देश की अस्मिता की रक्षा के लिए कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। आज पुनर्विकसित भारत में पूर्वांचल का योगदान सबसे आगे होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे दिन अब चले गए जब लोगों को घर, शौचालय, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी न्यूनतम सार्वजनिक सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ता था। आज हम पूरे विश्व में सम्मान की स्थिति में पहुंच गये हैं।
कार्यक्रम के दौरान संयोजक श्री वेद नारायण मिश्र एवं श्री श्रीराम जयसवाल ने सभी उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर हम संजीव जैसवार डिंपल, तेज प्रताप तिवारी, आशीष जयसवाल, कन्हैया जयसवाल, लाल बहादुर जयसवाल, अंबुज पांडे, विजय बहादुर पाल, राकेश दुबे, सर्वेश पांडे, मनोज राय, अशोक सिंह, जीतेंद्र नाथ पांडे, को बधाई देना चाहते हैं। प्रवीण गुप्ता, कृष्णा मोहनत्रिपति, प्रतीक जयसवाल, रवि चौरसिया, नीरज जयसवाल, उमाशंकर, डॉ. रंगोपाल गुप्ता, बाल कृष्णा समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीराम जैसवार ने किया।
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