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एनडीए-इंडी गठबंधन की चुनावी राजनीति संथाल परगना में स्थानांतरित हो गई। संताल परगना में बदली एनडीए-आइएनडी गठबंधन की चुनावी राजनीति-दुमका न्यूज


दमका54 मिनट पहले

इंडी गठबंधन की ओर से सीएम चंपई सोरेन, कल्पना सोरेन, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मीर और अध्यक्ष राजेश ठाकुर प्रभारी थे.

छठे चरण के मतदान के बाद झारखंड की पूरी चुनावी राजनीति संताल परगना जिले पर केंद्रित हो गयी है. अंतिम चरण का मतदान एक जून को तीन सीटों गोड्डा, दुमका और राजमहल पर होगा. बीजेपी जहां तीनों सीटों पर चुनाव लड़ रही है, वहीं जेएमएम दो सीटों पर और कांग्रेस एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष, बीजेपी प्रदेश चुनाव प्रमुख लक्ष्मीकांत वाजपेयी, बीडी शर्मा समेत कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड बीजेपी की पूरी टीम यहां मौजूद है. प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और सह प्रभारी योगेन्द्र प्रताप सिंह और अशोक बड़ाईक के भी मंगलवार को दुमका पहुंचने की उम्मीद है. वहीं, इंडी गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, मुख्यमंत्री कल्पना सोरेन, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख गुलाम अहमद मीर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और कांग्रेस-जेएमएम कोटे के मंत्री मैदान में हैं. चुनाव प्रचार में अब सिर्फ तीन दिन बचे हैं और ऐसे में दोनों गठबंधन के नेता जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क्षेत्र में आये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा 28 मई को दुमका में होगी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन का भी कार्यक्रम होगा. दुमका सीट झारखंड की सबसे प्रतिष्ठित संसदीय सीट है. यहां से झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन ने जीत का सिलसिला शुरू किया. यह सीट झामुमो का घर मानी जाती है. हालांकि, बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी के सिंबल दुमका में शिव सोरेन को हरा दिया. पिछली बार यहां से बीजेपी के सुनील सोरेन जीते थे.

कल्पना सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कमी को भरने की कोशिश कर रही हैं।

राज्य में तीन चरणों में चुनाव हुए. चौथे और अंतिम चरण में इन तीन क्षेत्रों में संताल का सबसे सक्रिय अभियान देखा जाएगा। जहां भाजपा तीनों सीटें जीतने के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं कांग्रेस और झामुमो अंतिम चरण में 3-0 की जीत के साथ अपना प्रभुत्व मजबूत करने की उम्मीद कर रहे हैं। अन्य क्षेत्रों में मतदान समाप्त होने के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों के क्षेत्रीय नेता संताल में अपनी-अपनी पार्टियों के लिए प्रचार कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कमी को पूरा करने में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जुटी हुई हैं. गांधी विधानसभा उपचुनाव संपन्न होने के बाद कल्पना का पूरा ध्यान संताल पर केंद्रित हो गया. चूंकि झामुमो का गृह आधार संथाल है, इसलिए झामुमो इन क्षेत्रों में कल्पना सोरेन का भरपूर फायदा उठा रहा है. कल्पना भी इमोशनल बातों के जरिए लोगों को पार्टी की ओर आकर्षित करने की पूरी कोशिश कर रही हैं.

निशिकांत दुबे, सीता, प्रदीप, विजय और नलिन के कारण संताल हॉट एरिया बन गया है.

निशिकांत दुबे, सीता सोरेन, विजय हांसदा और नलिन सोरेन की बदौलत संताल परगना देखने लायक क्षेत्र बना हुआ है। ये ताकतवर नेता संताल परगना जिले की तीन सीटों-दुमका, गोड्डा और राजमहल से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में यहां के नतीजे से बीजेपी, जेएमएम और कांग्रेस के इन उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा और राजनीतिक भविष्य पर भी असर पड़ेगा. प्रमुख उम्मीदवारों में गोडा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और कांग्रेस के प्रदीप यादव के बीच मुकाबला है. इसी तरह राजमहल से जेएमएम सांसद विजय हांसदा, भारतीय जनता पार्टी की तारा मरांडी और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे जेएमएम के बागी रॉबिन हेम्ब्रम के बीच त्रिकोणीय चुनाव होता दिख रहा है. दुमका में जेएमएम छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए दुर्गा मरांडी की पत्नी और शिव सोरेन की बहू सीता सोरेन और जेएमएम के नलिन सोरेन के बीच मुकाबला होगा.



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