BOL PANIPAT: आर्य स्नातक विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा संचालित हिंदी साहित्य परिषद के तत्वावधान में हिंदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. हिंदी दिवस के अवसर पर प्राचार्य डॉ.जगदीश गुप्ता ने सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए शुभकामनाएं दीं। हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर प्राचार्य ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, प्रसिद्ध साहित्यकार एवं लघुकथाकार डॉ. अशोक भाटिया का स्वागत किया और उन्हें फूलों का गुलदस्ता देकर सम्मानित किया। अपने संबोधन में प्राचार्य ने कहा कि हिंदी साहित्य परिषद के माध्यम से विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें वाद-विवाद, निबंध लेखन, वक्तृत्व एवं कविता वाचन प्रस्तुतियां शामिल हैं. इन प्रतियोगिताओं में अनेक विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। हिंदी साहित्य परिषद का उद्देश्य छात्रों के रचनात्मक कौशल को विकसित करना है और हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देते हुए आगे कहते हैं कि हिंदी हमारी सभ्यता और संस्कृति की पहचान है।
नई शिक्षा नीति के तहत हिंदी के प्रचार-प्रसार को तेज किया गया है और इससे छात्रों को फायदा होगा। हिंदी का भविष्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रगति पथ पर है। तकनीक के युग में हिंदी की श्रेष्ठता सर्वोपरि है।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अशोक भाटिया ने हिंदी की वर्तमान दशा और दिशा पर वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी का भविष्य हर दृष्टि से उज्ज्वल है। हम हिंदी भाषी लोग हैं और यह हमारे लिए गर्व की बात है। प्राचीन काल से ही हिंदी को सम्मान और गौरव का प्रतीक माना जाता रहा है। हिन्दी हर क्षेत्र में विकसित हो रही है। उन्होंने नई पीढ़ी को हिंदी भाषा और साहित्य के प्रति जागरूक रहने और पढ़ने में रुचि लेने का भी संदेश दिया.
उन्होंने हिंदी दिवस को भारतीय भाषा दिवस कहा और हिंदी की समृद्धि उसकी ग्रहणशीलता में निहित है। उन्होंने हिंदी के लिए दो मुख्य स्थितियाँ चिन्हित कीं। पहला, हिंदी एक बाज़ार भाषा के रूप में उभर रही है, चाहे वह समाचार पत्रों या रेडियो के माध्यम से विज्ञापनों के माध्यम से प्रसिद्धि प्राप्त कर रही हो। हिंदी की खूबसूरती उसकी गहराई में है। भाषण समाप्त होने के बाद छात्रों ने मुख्य वक्ता से कई प्रश्न पूछे और मुख्य वक्ता ने उन सभी का बहुत ही सहजता और विस्तार से उत्तर दिया। हिंदी दिवस पर छात्र-छात्राओं ने भाषण और कविताओं के माध्यम से हिंदी पर प्रस्तुतियां दीं. मंच संचालन की भूमिका विजय सिंह ने निभाई. उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है. हमें अपनी भाषा का हर प्रकार से सम्मान करना चाहिए। हिन्दी दिवस के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्राचार्य एवं मुख्य वक्ता द्वारा पुरस्कार प्रदान किये गये। प्रो. शालिनी, प्रो. कविता मलिक, हिंदी विभाग से प्रो. गोपाल मलिक, इतिहास विभाग से डॉ. विजय सिंह, अंग्रेजी विभाग से डॉ. सोनिया सोनी, और जनसंचार विभाग से डॉ. दिनेश घरियान इस शुभ अवसर पर उपस्थित थे।