जम्मू, 7 जून (उदयपुर किरण). कैराक ज्योतिष एवं वैदिक अनुसंधान संस्थान ट्रस्ट के निदेशक महंत रोहित शास्त्री ने श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर संस्कृति विभाग (आईएफएस) के प्रधान सचिव से शिष्टाचार मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर बोलते हुए महंत रोहित शास्त्री ने कहा कि आज के आधुनिक युग में प्रत्येक छात्र को प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए एकाग्रता और एकांत की आवश्यकता होती है। ताकि उनका ध्यान कहीं और न जाए. इस मांग को ध्यान में रखते हुए जम्मू उत्तरी कांग्रेस रायपुर और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक पुस्तकालय स्थापित करने की आवश्यकता है। श्री शास्त्री ने कहा कि आजकल हर कोई अपने काम में व्यस्त है और ऐसे में किताब से बेहतर कोई मानव मित्र नहीं है. पुस्तकालय ही वह स्थान है जहाँ हम ज्ञान का सृजन कर सकते हैं। सार्वजनिक पुस्तकालयों को कभी-कभी “लोगों का विश्वविद्यालय” कहा जाता है क्योंकि वे उम्र, लिंग या कौशल स्तर के भेदभाव के बिना समाज के सभी वर्गों के लिए सुलभ हैं। इसलिए पुस्तकालय ज्ञान तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण करके लोगों के समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देने में योगदान करते हैं।
शास्त्री ने उनसे जम्मू-कश्मीर में देवानी संस्कृत को बढ़ावा देने पर चर्चा की और ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे प्रयासों से उन्हें अवगत कराया। महंत रोहित शास्त्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के वर्तमान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में संस्कृत भाषा को अच्छी तरह से संरक्षित किया गया है और भाषा को लोकप्रिय बनाने के उनके प्रयासों को उपराज्यपाल ने मान्यता दी है पूरा प्रोत्साहन मिला है और इसके लिए वह बेहद आभारी हैं। उपराज्यपाल। जम्मू-कश्मीर संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव ने कैराक ज्योतिष एवं वैदिक शोध संस्थान ट्रस्ट के निदेशक श्री महंत रोहित शास्त्री के प्रयासों की काफी सराहना की।
(उदयपुर किरण)/राहुल
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