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वारिसरीगंज स्थित एसएन सिन्हा यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम भवन में बुधवार को राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों ने वैश्वीकरण, अवसर, वर्तमान राजनीति और सामाजिक न्याय और सतत विकास विषयों पर वक्तव्य दिये। इसका नेतृत्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. दीपक कुमार और निर्देशन डॉ. आलोक कुमार करेंगे। मुख्य वक्ता टीएस कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर हिसुआ थे. डॉ. वेदप्रकाश चतुर्वेदी ने वैश्वीकरण के राजनीतिक सहसंबंधों पर चर्चा की। जनता को बाजार की माँगों के अनुरूप न ढलने की सलाह दी गई। एलएस कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. शैलाजी कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में वैश्वीकरण के प्रभाव में मानवीय क्षमताएं एसी और केमिकल युक्त खाद्य व्यवस्था की शिकार हो गयी हैं.
मगध विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर। बोधगया के डॉ. अंजनी कुमार घोष ने भारत की संप्रभुता पर खतरे और मीडिया व पूंजीपतियों की भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि सरकार जनकल्याणकारी व्यवस्थाओं को बढ़ावा देने के बजाय इन व्यवस्थाओं से सहयोग कम कर रही है। आरएम डब्ल्यू विश्वविद्यालय, नवादा के समाजशास्त्र विभाग के डीन डॉ. अनिल कुमार पटेल ने सामाजिक न्याय और समानता पर व्याख्यान दिया। ऐसा कहा जाता है कि आपदाएं अवसर पैदा करती हैं। पटना के एएन विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर कुमार वरुण ने कहा कि वैश्वीकरण पूंजीवादी विकास का आधार है.
जागरूकता लाने के लिए सेमिनार एक बेहतर मंच है। प्राचार्य डॉ. दीपक कुमार ने पूरे विश्व को अपना परिवार बताया और ग्लोबल विलेज की अवधारणा का उल्लेख किया। सेमिनार समन्वयक प्रो. अमित कुमार ने कहा कि सेमिनार आज ज्ञान, अनुभव और जागरूकता फैलाने का एक सशक्त मंच है। इस अवसर पर महिला कॉलेज के प्राचार्य अशोक कुमार सिंह, बाली विवि, कृषक विवि के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र कुमार, प्रो. हरिनारायण चौधरी, डॉ. अशोक राम, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. श्याम सुंदर प्रसाद प्राचार्य देवगा समेत अन्य मौजूद थे। श्री सिंह, डॉ. राजकपूर चौधरी, डॉ. रामाशीष व अन्य मौजूद थे.