भिलाई इस्पात संयंत्र: भिलाई… भिलाई इस्पात संयंत्र का कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग संयंत्र की खदानों के आसपास के गांवों में रोजगार उद्देश्यों के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान करता है। इस श्रृंखला में हम भिलाई इस्पात संयंत्र के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग के सहयोग से महिला सशक्तिकरण के तहत छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास समिति, आदर्श इस्पात ग्राम अंडा के माध्यम से पिछले तीन महीनों से संचालित “संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम” पर चर्चा करेंगे 26 तारीख को. जून 2024. समापन समारोह में उप महाप्रबंधक (संविदा कक्ष) रेनू गुप्ता विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुईं। इसके अतिरिक्त महाप्रबंधक श्री शिवराजन (सीएसआर) एवं प्रबंधक (छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड) श्री सीएस केहरी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
भिलाई स्टील वर्क्स: मुख्य अतिथि सुश्री रेनू गुप्ता ने प्रशिक्षुओं द्वारा निर्मित जूट हस्तशिल्प की सराहना एवं प्रोत्साहन करते हुए कहा कि ये सामग्रियां बेहद आकर्षक होने के साथ-साथ व्यावसायिक दृष्टि से भी विपणन योग्य हैं इसे बेचने से आर्थिक लाभ होता है। आप अपने परिवार की आय बढ़ा सकते हैं। यदि महिलाएं घर के सभी प्रकार के काम कुशलता से कर सकेंगी तो वे कोई भी काम करने में सक्षम होंगी। आज महिलाएं इस हस्तशिल्प का प्रशिक्षण लेकर इसे स्वरोजगार के रूप में अपना रही हैं और क्षेत्र की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही हैं।
भिलाई इस्पात संयंत्र: ज्ञात हो कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भिलाई इस्पात संयंत्र के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के सहयोग से अंडा ग्राम में 4 मार्च 2024 को शुरू किया गया था। प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्व-रोज़गार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से गाँव की 30 महिलाओं को तीन महीने के लिए प्रशिक्षण और 3,000 रुपये का मासिक वेतन प्रदान किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ प्रबंधक (सीएसआर) श्री सुशील कुमार कामड़े ने किया। कार्यक्रम का संचालन उप प्रबंधक (सीएसआर) केके वर्मा ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन सहायक (सीएसआर) बुधेलाल एवं छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के आशुतोष सोनी, शरद कुमार साहू एवं नितेश कुमार ने किया।
सारीपारी नवीनतम समाचार नए छात्रों को वर्दी और पाठ्यपुस्तकें दी गईं और पटापारी स्कूल में प्रवेश दिया गया।
गौरतलब है कि जूट सुनहरे रंग और रेशमी चमक वाला एक बहुमुखी प्राकृतिक फाइबर है, इसलिए इसे “गोल्डन फाइबर” भी कहा जाता है। जूट से विभिन्न वस्तुएं बनाने की कला को जूट शिल्प कहा जाता है। इसलिए, जूट से कई उपयोगी वस्तुएँ बनाई जाती हैं, जैसे बैग, विभिन्न झूले, फ़ोल्डर, बोतल कवर, टी कोस्टर, गुड़िया, दीवार पर लटकने वाले सामान, पेन होल्डर, डोरमैट, बेल्ट और यहां तक कि सेल फोन कवर भी। कृषि उत्पादों और औद्योगिक उत्पादों के लिए विभिन्न पैकेजिंग सामग्री के उत्पादन में भी इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।