न्यूज़रैप हिंदुस्तान टीम,बिजनूर
बुधवार, 29 मई 2024 10:50 अपराह्न अगला लेख
बिजनौर। चित्रकला विभाग एवं भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में रानी भाग्यवती देवी महिला महाविद्यालय, बिजनौर द्वारा ‘आधुनिक समय में प्राचीन भारतीय कला एवं संस्कृति की प्रासंगिकता’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया विद्यालय में आयोजित.
सेमिनार के पहले दिन विश्वविद्यालय की महानिदेशक प्राचार्या प्रोफेसर कुँवरानी रुचि वीरा ने व्याख्यान दिया। मुख्य वक्ता पारुल त्यागी जामिया मिलिया इस्लामिक यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली में सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं। प्रथम सत्र की शुरुआत डॉ.रामेश्वर प्रसाद बहुगुणा, समन्वयक डॉ. शताक्षी चौधरी, सह-समन्वयक डॉ. नील चौधरी एवं अन्य द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुई।
प्राचार्य प्रोफेसर पारुल त्यागी ने सभी विद्वानों का स्वागत किया और इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की उपयोगिता और प्रासंगिकता के बारे में बताया। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. मंजू अरोड़ा के समक्ष 15 शोध पत्र पढ़े गए। शोधकर्ता जीवछ कुमार एसोसिएट प्रोफेसर प्रताप कुमार सिकदर, शोधकर्ता अक्षय वर्मा, सहायक प्रोफेसर। मीनाक्षी सैनी असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नीलम कांत, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पूनम भंडारी, रिसर्च एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रतिभा सक्सेना एवं अन्य के शोध पत्र ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से पढ़े गए। सेमिनार में विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों ने भाग लिया।
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