विश्व पर्यावरण दिवस पर जयप्रकाश विश्वविद्यालय में संगोष्ठी एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित
छपरा, 5 जून 2024. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. परमेंद्र कुमार वाजपेई ने कहा कि सनातन संस्कृति के लोग धरती मां की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। आज मानवता अखंडता, धार्मिक अभ्यास, पर्यावरणीय स्थिरता और जिम्मेदार उपभोग के शाश्वत मूल्यों की ओर मुड़ रही है। वेदों का विधान है कि संपूर्ण मानव जाति को अपरिग्रह का पालन करना चाहिए। विश्व पर्यावरण दिवस पर मंगलवार को जयप्रकाश विश्वविद्यालय में आयोजित सेमिनार में वर्चुअल बोलते हुए कुलपति ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि उन्हें इस महान एवं शाश्वत सनातन संस्कृति की दीर्घायु पर गर्व है। कुलपति ने अपील की कि आज हर किसी को कम से कम एक पौधा लगाकर पर्यावरण की रक्षा का नेक कार्य करना चाहिए। हम अत्याधुनिक वैज्ञानिक अन्वेषण और नवाचार में भी संलग्न हैं जो सभी के लिए पर्यावरणीय स्थिरता और स्थायी समृद्धि के उद्देश्य को मजबूत करता है।
सेमिनार में मुख्य वक्ता रहे राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र, पटना के अंतरिम निदेशक डॉ. गोपाल शर्मा ने भूमि मरुस्थलीकरण, भूमि शुष्कता और पर्यावरण प्रदूषण के मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि इसे जल्द से जल्द ठीक करने की जरूरत है। ता. इसे अधिक पेड़-पौधे लगाकर ही ठीक किया जा सकता है।
रजिस्ट्रार प्रोफेसर रंजीत कुमार ने कहा कि पर्यावरण संकट मानवता के लिए एक बड़ा खतरा है और उन्होंने अधिक पेड़ लगाने और नदियों और तालाबों की रक्षा पर जोर दिया।
डीएफओ श्री सुंदर राम ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर काफी बड़ा है. यहां बड़े पैमाने पर वनीकरण और तालाबों के विकास की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस कार्य हेतु उनके विभाग द्वारा हर संभव सहयोग प्रदान किया जायेगा।
डॉ. रमण कुमार सिंह एवं आईक्यूएसी समन्वयक प्रोफेसर उदय शंकर ओझा ने अधिक से अधिक पेड़ लगाने पर जोर दिया.
“भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखा लचीलापन” विषय पर सेमिनार में पहला दीप आगत अतिथियों द्वारा प्रज्ज्वलित किया गया। इसके बाद सेमिनार का उद्घाटन डॉ. परमेंद्र कुमार वाजपेई द्वारा कुलपति एवं प्रोफेसर जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अभिनंदन के साथ किया गया। स्वागत भाषण विश्वविद्यालय अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के प्रमुख प्रो. रवीन्द्र सिंह ने मंच संचालन की जिम्मेदारी संभाली जबकि विश्वविद्यालय विकास परिषद के समन्वयक प्रो. हरिश्चन्द्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के सहायक निदेशक डॉ. रमन सिंह ने दिया।
इस अवसर पर अतिथियों एवं राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया।
यह सेमिनार विश्वविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास विभाग, आईक्यूएसी, स्नातक प्राणीशास्त्र विभाग और राष्ट्रीय सेवा कार्यक्रम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। सेमिनार में बड़ी संख्या में विभिन्न विभागों के प्रोफेसर, शोधकर्ता और छात्र भी शामिल हुए।
इस कदर:
जैसे लोड हो रहा है…