अंतिम अद्यतन: 20 अक्टूबर, 2025, 13:40 (IST)
देहरादून ताज़ा समाचार: देहरादून की महिलाएं इस दिवाली ‘स्पीक फॉर लोकल’ के नारे को साकार कर रही हैं। स्वयं सहायता समूहों की 1700 से अधिक महिलाएं पारंपरिक दीपक, सजावट के सामान और उपहार की टोकरियां बनाकर न केवल त्योहार को स्वदेशी रंग दे रही हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी स्वतंत्र हो रही हैं।
देहरादून: रोशनी और खुशियों के त्योहार दिवाली पर देहरादून की महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वॉयस फॉर लोकल’ के मंत्र को सही मायने में चरितार्थ कर रही हैं। स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने बाजार में बेचने के लिए पारंपरिक दीपक, सुंदर आभूषण और आकर्षक उपहार टोकरियाँ तैयार कीं। उनकी मेहनत न केवल स्थानीय बाजार को चमकाती है बल्कि उसे आर्थिक रूप से भी मजबूत बनाती है।
महिलाओं के हुनर से सजा बाजार
देहरादून, विशेषकर रायपुर और डोईवाला जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के समर्थन से हस्तनिर्मित उत्पादों का निर्माण शुरू कर दिया है। दुर्गा और लक्ष्मी जैसे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने गाय के गोबर के दीये, मिट्टी के दीये, डिजाइनर मोमबत्तियाँ और यहां तक कि एलईडी स्ट्रिंग के पैकेट भी तैयार किए हैं। देहरादून के बाजारों और स्टालों में इन उत्पादों की भारी मांग है और ये चीनी और विदेशी उत्पादों की तुलना में प्रमुख स्वदेशी उत्पादों के रूप में उभरे हैं। आपदा से पीड़ित महिलाओं को भी सहायता प्रदान की जा रही है।
दुर्गा स्वयं सहायता समूह की मुखिया कौशल्या नेगी ने कहा कि उनके समूह की महिलाएं कई वर्षों से हस्तनिर्मित वस्तुएं बना रही हैं। हाल ही में हुई बारिश और भूस्खलन के कारण सहस्त्रधारा और रायपुर जिलों में कई लोग प्रभावित हुए हैं। इस सिलसिले में उन्होंने इन क्षेत्रों की महिलाओं को भी शामिल किया और उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए काम करने का मौका दिया। जिला मिशन प्रबंधक अपर्णा बहुगुणा ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री सशक्त बहन उत्सव योजना के तहत दिवाली से पहले ही महिलाओं को नौकरियां दी गईं। महिलाओं ने दीपक, लाइटें, आभूषण और यहां तक कि रोटने और कोड़े की नमकीन जैसे पारंपरिक उत्तराखंड उत्पाद भी तैयार किए। इसके उत्पादों को न केवल बाजार बल्कि अस्पतालों और कई संस्थानों द्वारा भी ऑर्डर किया जाता है।
1,700 महिलाओं को रोजगार
इस बार मुख्यमंत्री सशक्त बहन उत्सव योजना के तहत देहरादून के 80 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 1700 महिलाओं को रोजगार मिला। उनके द्वारा बनाई गई उपहार टोकरियों में पहाड़ी और जैविक उत्पाद शामिल हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत, महिलाओं को 800,000 रुपये का सामुदायिक निवेश कोष दिया गया और इसका उपयोग 800 उपहार टोकरी बनाने के लिए करने का लक्ष्य रखा गया। इनमें से अब तक 600 से ज्यादा टोकरियां तैयार कर बाजार में बेची जा चुकी हैं। प्रत्येक उपहार टोकरी की कीमत 2,000 रुपये से 3,000 रुपये के बीच है, जिससे महिलाओं को लगभग 20% की बचत होती है।
वोकल फॉर लोकल से आत्मनिर्भर बनीं महिलाएं
डोईवाला ब्लॉक में स्वाभिमान क्लस्टर लेवल फेडरेशन के तहत काम करने वाली महिलाओं ने साबित कर दिया है कि कौशल और आत्मविश्वास से किसी भी चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है। इन उत्पादों ने न केवल स्वदेशी का स्वाद बाजार में पहुंचाया बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को भी नई दिशा दी। वहीं, सहस्त्रधारा क्षेत्र की महिलाएं अब इस काम को प्रभावित परिवारों की महिलाओं के साथ जोड़ रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर कोई आर्थिक रूप से सशक्त हो।
सीमा नाथ
सीमा नाथ पांच साल से मीडिया क्षेत्र में काम कर रही हैं। मैंने शाह टाइम्स, उत्तरांचल दीप, न्यूज अपडेट भारत और लोकल 18 (नेटवर्क 18) के लिए काम किया है। फिलहाल, मैं न्यूज 18 (नेटवर्क 18) के साथ हूं…और पढ़ें
सीमा नाथ पांच साल से मीडिया क्षेत्र में काम कर रही हैं। मैंने शाह टाइम्स, उत्तरांचल दीप, न्यूज अपडेट भारत और लोकल 18 (नेटवर्क 18) के लिए काम किया है। वर्तमान में, मैं न्यूज 18 (नेटवर्क 18) से संबद्ध हूं… और पढ़ें
पद:
देहरादून, उत्तराखंड
पहले प्रकाशित:
20 अक्टूबर, 2025, 13:40 IST
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चीनी उत्पादों से प्रतिस्पर्धा जीतते हुए महिलाएं दिवाली उपहार टोकरियाँ तैयार करती हैं