दंतेवाड़ा, 28 जून (हि.स.)। इस क्षेत्र को जैविक खेती वाला जिला बनाने में यहां के किसानों की प्रमुख भूमिका रही है। इसी क्रम में कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने शुक्रवार को जिले के स्थानीय बाजार शेड में भूमिगादी एवं जैविक खेती से जुड़े किसानों से खरीफ मौसम एवं जैविक खेती पर विस्तृत चर्चा की तथा उनकी मांगें जानी तथा समस्या सुनी। इस दौरान लाइन बुआई विधि के अलावा देशी बीज, जैविक खाद, औषधि, बीजामृत और गोमूत्र के उपयोग, किसानों के लिए पशुधन शेड का निर्माण, कृषि उपज की बिक्री आदि को लेकर भी किसानों और संग्राहकों के बीच बातचीत होगी। एक चर्चा आयोजित की गई. आरक्षित स्थानों के लिए फसलों, कीमतों और स्थानीय बाजार में जैविक उत्पादों की उपलब्धता के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।
इस दौरान कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने तालबाड़ी बाड़बंदी में सरकार के सहयोग की भी बात कही और कहा कि बारिश के दिनों में किसान बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए जगह का चयन करें ताकि बारिश के बाद उस जगह पर निर्माण कार्य किया जा सके, ऐसा करना जरूरी बताया. उन्होंने कृषि मंत्रालय को प्रगतिशील किसानों के क्षेत्र दौरे और स्थलीय निरीक्षण की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया ताकि उन्हें खेती के नए तरीकों से परिचित होने में मदद मिल सके।
इनमें जैविक खेती से जुड़े किसान कासोली गांव के मधुसूदन ठाकुर और हिरणाल के रूडोल ने भी जैविक खेती को बढ़ावा देने पर अपनी राय व्यक्त की. उपकृषि निदेशक डी.डी. किराना विक्रेता ने किसानों को बीज भंडारण और वितरण, जैविक खेती की तैयारी और खरीफ फसलों के मद्देनजर यथासंभव नाव टैंकों के निर्माण के बारे में भी जानकारी दी।
हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे