महाबलीपुरम में भारतीय कला और इतिहास की झलक मिलती है
खबर क्या है?
महाबलीपुरम, जिसे मामल्लपुरम के नाम से भी जाना जाता है, तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले का एक ऐतिहासिक शहर है। यह स्थान अपने प्राचीन मंदिरों, मूर्तियों और समुद्र तटों के लिए प्रसिद्ध है। महाबलीपुरम का इतिहास पल्लव राजवंश से जुड़ा है और यह यूनेस्को की विश्व वास्तुकला विरासत स्थल है। यहां की यात्रा आपको भारत की संस्कृति और इतिहास से गहराई से परिचित कराएगी। यहां महाबलीपुरम में पांच प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
तटीय मंदिर
महाबलीपुरम तटीय मंदिर तट पर स्थित एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। इसका निर्माण 8वीं शताब्दी में पल्लव राजवंश द्वारा किया गया था और इसका निर्माण ग्रेनाइट से किया गया है। इस मंदिर की वास्तुकला बेहद खूबसूरत है और इसे देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक महाबलीपुरम आते हैं। यहां का सूर्यास्त का दृश्य विशेष रूप से आकर्षक होता है, जो कई पर्यटकों को आकर्षित करता है और उन्हें बार-बार यहां आने के लिए प्रेरित करता है।
अर्जुन की तपस्या की मूर्ति
अर्जुन की तपस्या महाबलीपुरम की सबसे प्रसिद्ध मूर्तियों में से एक है। एक विशाल चट्टान से बनी यह मूर्ति महाभारत के अर्जुन की तपस्या को दर्शाती है, जो भगवान शिव को समर्पित है। जब आप इस प्रतिमा को देखेंगे तो आपको प्राचीन कला और भारतीय संस्कृति के वैभव का एहसास होगा। इसकी नक्काशी बहुत सुंदर है और पल्लव काल की कला का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है। यह स्थान इतिहास प्रेमियों और कला प्रेमियों के लिए एक आकर्षण है।
पांच टैंक
पंच रथ महाबलीपुरम में स्थित विभिन्न आकृतियों और डिजाइनों के पांच रथों का एक समूह है और इसका नाम पांडवों के नाम पर रखा गया है। ये रथ ग्रेनाइट पत्थर से बनाए गए हैं और इनकी वास्तुकला बहुत आकर्षक है। प्रत्येक टैंक की अपनी विशेषताएं होती हैं। जहां द्रौपदी का रथ छोटा लेकिन सुंदर है, वहीं भीम का रथ काफी भव्य है। इन रथों की नक्काशी और विवरण बहुत सुंदर हैं और पल्लव काल की कला के बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
कृष्णा बटरबॉल
कृष्णा बटर बाउल महाबलीपुरम में एक विशाल गोलाकार पत्थर है जो ढलान पर संतुलित प्रतीत होता है। जब आप इसे देखते हैं तो ऐसा लगता है कि यह गिरने वाला है, लेकिन यह सदियों से उसी स्थिति में खड़ा है। जब आप इस जगह पर आते हैं तो आप इस अनोखे प्राकृतिक आश्चर्य को देख सकते हैं। यहां आने वाले पर्यटक इस अनोखे नजारे का आनंद लेते हैं और तस्वीरें लेते हैं।
बाघ गुफा
टाइगर गुफा महाबलीपुरम से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और कई बड़ी और छोटी गुफाओं वाला एक रहस्यमय स्थान है। इन गुफाओं की दीवारों पर उकेरे गए चित्र भारत की प्राचीन कला की झलक पेश करते हैं। यहां आकर आप इन गुफाओं के रहस्यों को जान सकते हैं और उनके इतिहास को समझ सकते हैं। महाबलीपुरम के ये पर्यटन स्थल न केवल ऐतिहासिक महत्व के हैं बल्कि भारतीय संस्कृति और कला के वैभव को भी दर्शाते हैं।