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पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 204वीं जयंती का तीन दिवसीय द्वितीय विद्यासागर लघु पत्रिका सह समारोह कायस्थ पाड़ा स्थित सेंट एंथोनी स्कूल परिसर में आयोजित पुस्तक मेला संपन्न हो गया। इस अवसर पर झारखंड, बंगाल, ओडिशा और नेपाल सहित देश के विभिन्न राज्यों से लेखकों और साहित्यकारों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत शहीद भगत सिंह के चित्र के प्रदर्शन से हुई. इसके बाद बंगाली कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। साहित्यिक विद्वानों ने बंगाली भाषा में सुधार पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न बांग्ला संपादकों की लघु पत्रिका एवं पुस्तक बूथ लगाये गये थे. मेज़बानों और मेहमानों को कपड़े और स्मृति चिन्ह भेंट किये गये। शाम को कलाकारों का सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। हाल ही में आयोजित एक प्रतियोगिता के शीर्ष प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। यह आयोजन साहित्य और संस्कृति के प्रति जागरूकता फैलाने में सफल रहा।
ईश्वरचंद्र की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प इस मौके पर मौजूद अतिथियों ने विद्यासागर के योगदान को याद किया और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया. यह आयोजन बंगाली समुदाय के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। समारोह में भारत ज्ञान विज्ञान समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. काशीनाथ चटर्जी, पत्रिका के संपादक डीके सेन, शिल्पे अनन्या के संपादक, झारखंड बांग्ला भाषा बोर्ड के जिला अध्यक्ष जामताड़ा दुर्गादास भंडारी और बाउल गायिका सरस्वती बनर्जी उपस्थित थीं और विद्यासागर के जीवनी लेखक तपन कुमार सेन उपस्थित थे। पंजाबी लेडी बेबी कलफर्मा, झारखंड बंगाली समिति की कोषाध्यक्ष दीप्ति विराजपाल, चंचल भंडारी, कंचन गोपाल मंडल, सोमा सरकार, नेपाल प्रतिनिधि डॉ. पार्थ सरकार, देबजीत सरकार, नबारुन मलिक, प्रशांत दास, नुपुर सरकार, आनंद अलसिसरिया और बड़ी संख्या में बंगाली समिति सदस्य उपस्थित थे।