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आईवीआरआई में हिंदी सप्ताह के समापन पर निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने हिंदी को राष्ट्रीय एकता और संस्कृति का प्रतीक बताया। प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। डॉ. रूपशी तिवारी ने सिखाई हिंदी…
न्यूज़रैप हिंदुस्तान, बरेली सोम, सितंबर 30, 2024 08:58 अपराह्न शेयर करना
आईवीआरआई में हिंदी सप्ताह के अवसर पर निदेशक एवं कुलपति डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि राजभाषा हिंदी हमारे देश की एकता और संस्कृति को सुनिश्चित करती है। नई शिक्षा नीति में हिंदी को भी अनिवार्य कर दिया गया। हमें अपने कार्यस्थलों पर भी हिंदी को बढ़ावा देने के लिए राजभाषा नियमों का पालन करने और अपनाने की जरूरत है। सोमवार को हिंदी पखवाड़ा पर प्रश्न मंच प्रतियोगिता भी हुई। इनमें विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। आईवीआरआई में 14 से 29 सितंबर तक हिंदी सप्ताह का आयोजन किया गया। संस्थान में विस्तार शिक्षा की सह-निदेशक डॉ रूपशी तिवारी ने सोमवार को निष्कर्ष निकाला कि हिंदी न केवल संचार का माध्यम है बल्कि देश के इतिहास को भी दर्शाती है। हम सभी का कर्तव्य है कि हम आगे आकर हिन्दी साहित्य को समृद्ध एवं सराहने का प्रयास करें। राजभाषा परिचय समिति के उपाध्यक्ष प्रोफेसर राघवेंद्र सिंह ने कहा कि हिंदी राष्ट्रीय अस्मिता और देशभक्ति का प्रतीक है.
डॉ. केएन कंपल ने बताया कि प्रतियोगिता में डॉ. आशीष कुमार (हिंदी भाषी) और डॉ. उज्ज्वल कुमार डे स्टाफ (गैर-हिंदी भाषी) ने शुद्ध हिंदी भाषण के लिए प्रथम स्थान प्राप्त किया। वाद-विवाद प्रतियोगिता में हिन्दी भाषियों में श्री कैलाश चन्द्र चौहान प्रथम तथा अहिन्दी भाषियों में डॉ. उज्ज्वल कुमार डे प्रथम आये। निबंध प्रतियोगिता में सुमन सिंह तथा श्रुतलेख प्रतियोगिता में कंचन पंवार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। कविता पाठ में हिन्दी भाषी स्टाफ में एकता सिंह ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। हिंदी निबंध प्रतियोगिता में डॉ. सुमन तालुकदार ने कर्मचारी गैर-हिंदी भाषी वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। कमेंट ड्राफ्टिंग में मनीष श्रीवास्तव और हिंदी कंप्यूटर टाइपिंग में कंचन पंवार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री सुबोध नीरज, नियंत्रक श्री संजीवन प्रकाश एवं संस्थान के वैज्ञानिक, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।