-कुमाऊं विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान कनाडा से आए एक विजिटिंग प्रोफेसर ने व्याख्यान दिया।
नैनीताल, 7 मई (उदयपुर किरण). कुमाऊं विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती पर डीएसबी परिसर में विजिटिंग प्रोफेसर ब्यूरो एवं राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से अंतरराष्ट्रीय व्याख्यान का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कनाडा में थॉमसन रिवर यूनिवर्सिटी और कुमाऊं यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. रॉबर्ट हुनले ने “महान शक्ति प्रतिस्पर्धा और इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटेजिक एनवायरनमेंट” विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. हानरू ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जनसंख्या वृद्धि को रोकने, देशों के बीच आपसी शत्रुता को कम करने और पारंपरिक सुरक्षा पर जोर देने की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि हर किसी की विदेश नीति स्वतंत्र है। इसलिए हमें राजनीति छोड़कर विकास का लाभ जनता को देना होगा।
उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत, चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार, थाईलैंड, वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया, न्यू पापुआ गिनी, ओमान, ओमान, सोमालिया और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। यह क्षेत्र नये शीत युद्ध का क्षेत्र बन गया। उन्होंने कहा कि साझेदारियां महत्वपूर्ण हैं, लेकिन कमजोर साझेदारियां हानिकारक होती हैं। चीन अंतरिक्ष और आर्कटिक में अपना प्रभुत्व बढ़ा रहा है। आसियान क्वाड सहयोग का सेतु है। इन देशों के प्रमुख नेताओं जैसे ली कुआन यू, योशिदा, माओ ज़ेडॉन्ग, पॉल पोट, नरेंद्र मोदी और जिंग पिंग को मजबूत नेतृत्व के साथ वास्तविक स्वतंत्र अर्थव्यवस्थाओं के लिए प्रतिबद्ध होने की आवश्यकता है।
व्याख्यान में डीएसबी परिसर निदेशक प्रोफेसर नीता बोरा शर्मा, डॉ. हृदेश कुमार, डॉ. भूमिका प्रसाद, डॉ. रुचि मित्तल, डॉ. पंकज सिंह, डॉ. मोहित रौतेला समेत 150 से अधिक शोधार्थियों ने भाग लिया। संचालन प्रोफेसर ललित तिवारी ने किया।
(उदयपुर किरण)/डॉ नवीन जोशी/रामानुज
इस कदर:
जैसे लोड हो रहा है…