न्यूज़रैप हिंदुस्तान टीम, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर मुख्य संवाददाता.
हमारी संस्कृति के शाश्वत सत्य ही हमारा धर्म और दर्शन है। सनातन परंपरा भारतीय विचारकों और ऋषियों की प्रकृति के साथ सहभागिता का परिणाम है। चैत्र का महीना वसंत ऋतु के वातावरण में नई ताजगी और ऊर्जा का संचार करता है। ये बातें मंगलवार को पकड़ी स्थित ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल के सभागार में आयोजित नव संवत्सर अभिनंदन समारोह में एमडीडीएम कॉलेज की पूर्व प्राचार्या डॉ. निर्मला सिंह ने कहीं।
कवि एवं गीतकार डॉ. संजय पंकज ने कहा कि भारतीय नववर्ष की शुरुआत प्रकृति में बदलाव से होती है। चैत्र माह फसल पकने और नई फसल तैयार करने का अवसर प्रदान करता है। यह माह शक्ति उपासना के साथ-साथ सूर्य उपासना का भी माह है। इस माह ईद मिलानो का आयोजन भी होगा। चैत सामाजिक सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करने वाला महीना है. भारतीय नववर्ष की अवधारणा पूर्णतः वैज्ञानिक है। संजय पंकज ने सत्ता पर केन्द्रित अपनी कई रचनाएँ सुनाईं। पूरे वातावरण में ‘नवरात्रि की शुद्धि साधना, मां दुर्गा स्वीकार करो’ और ‘मंझरिया में मृदु मुस्कति, चैत चांदनी है ज्योतित मां’ गीत की पंक्तियां गूंजती रहीं। कार्यक्रम में उर्मिला पांडे, सुधीर कुमार, अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा, अरुण कुमार, अखिलेश चंद्र राय, सुधांशु राज, प्रमोद आजाद समेत अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किये और सभी को शुभकामनाएं दीं. प्रशस्ति पत्र डॉ. शालिनी रंजन द्वारा प्रस्तुत किया गया।
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