नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) केंद्र ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के 23 सदस्यों के कार्यकाल से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त करने की घोषणा की 20 मई को बैठक होगी. .यह किया जाएगा.
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ को बताया कि समिति इस मामले को देख रही है और अगली बैठक एक सप्ताह के भीतर होने की संभावना है 10 दिन.
समिति में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव भी शामिल हैं। मेहता ने कहा कि समिति कार्यकाल विस्तार के लिए 23 सदस्यों की उपयुक्तता का आकलन करने के लिए चरित्र और मिसाल की समीक्षा रिपोर्ट सहित मामले के सभी पहलुओं पर विचार कर रही है, उनके काम की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए इसे इनमें से एक माना जाता है के महत्वपूर्ण तत्व मुझे इस पर विश्वास था.
मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से 15 जून को मामले की सुनवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा, “अगला सत्र एक सप्ताह या 10 दिनों के भीतर आयोजित किया जाएगा।”
मेहता ने कहा कि एनसीएलटी सदस्यों में से एक की सेवानिवृत्ति की तारीख 20 जून है। अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें अदालत के सदस्यों के कार्यकाल को लेकर मुद्दे उठाए गए थे.
अदालत ने अपने आदेश में कहा, “अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक समिति ने 20 अप्रैल को बैठक की और वर्ष 2019 के लिए 23 एनसीएलटी सदस्यों के कार्यकाल पर चर्चा की।”
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह की इस दलील पर ध्यान दिया कि 2019 के सभी सदस्यों का कार्यकाल कानूनी तौर पर पांच साल होना चाहिए, लेकिन 2019 के सभी सदस्यों का कार्यकाल 2022 तक होना चाहिए। यह 3 जुलाई को समाप्त होगा.
अदालत ने मुद्दों को 15 जून के लिए सूचीबद्ध किया और अटॉर्नी जनरल से इस संबंध में घटनाक्रम के बारे में और जानकारी देने को कहा।