एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक व्यक्ति लोन लेने के बहाने ग्रामीण महिलाओं से हजारों रुपये लेकर फरार हो गया। एक कथित राजनीतिक दल के नेता की ओर से फर्जी कंपनी बनाकर इस काम को अंजाम दिया गया। इसका पता तब चला जब कथित नेता अपना कार्यालय बंद कर भाग गया। यह
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दरअसल, इस मामले में कथित नेता राजेंद्र प्रसाद ने खुद को स्वतंत्र भारतीय लेबर पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने का दावा किया था. उसने फतुहा स्टेशन रोड पर ओमसे रियल एस्टेट नाम से फर्जी कंपनी बनायी. कंपनी के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए बाजपत ने मकसूदपुर निवासी रानी कुमारी को 6,000 रुपये मासिक वेतन पर मैनेजर नियुक्त किया. इसके बाद मुखिया ने प्रशासकों को बहला-फुसलाकर लोन लेने के नाम पर ग्रामीण महिलाओं से ठगी शुरू कर दी, जिसमें अकरिया गांव की गीता देवी से 20 हजार, सिंघुल देवी से 60 हजार, रंजू देवी से 100 हजार और 30 हजार रुपये की ठगी की गयी. ललिता देवी ने 20 हजार रुपये समेत कई अन्य महिलाओं से भी हजारों रुपये की ठगी की. उसने कंपनी की मैनेजर रानी कुमारी से भी 15 हजार रुपये की ठगी की थी.
जब उनकी महिला मैनेजर पैसे लेकर गायब हो गई तो कंपनी मैनेजर रानी कुमारी को एहसास हुआ कि उन्होंने गलती कर दी है। मैनेजर रानी कुमारी ने जब कथित नेता से पैसे की बात की तो उसने उसे नौकरी से निकाल दिया. इसके बाद कथित नेता ने कंपनी बंद कर दी और हजारों रुपये लेकर भाग गया। जब महिलाओं को बंद होने की जानकारी मिली तो वे सभी एकजुट हो गयीं और मैनेजर रानी कुमारी को पकड़ लिया और पैसे वापस करने का दबाव बनाने लगीं. . ग्रामीण महिलाओं के दबाव से तंग आकर रानीकमारी प्रशासक ने प्रभावित महिलाओं के साथ थाने जाकर कथित नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी और पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है.