जयपुर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आदिवासी समाज सदियों पुरानी संस्कृति के प्रमुख वाहक हैं। राज्य सरकार आदिवासी क्षेत्रों की समृद्ध परंपराओं और गौरवशाली इतिहास को संरक्षित करते हुए उनके विकास की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आदिवासी क्षेत्र के विकास से संबंधित मुद्दों पर प्राप्त सुझावों पर समुचित विचार कर उन्हें वित्तीय वर्ष 2024-25 के आगामी अनुपूरक बजट में शामिल करने का प्रयास किया जायेगा. श्री शर्मा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अधिकारियों के साथ पूर्व बैठक में 2024-25 के संशोधित बजट पर चर्चा की थी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंत्योदय और दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद की अवधारणा को आत्मसात कर आदिवासी समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. अंत्योदय की भावना से ही हम सीमांत आदिवासी समुदाय के लोगों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बना सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, परिवहन, रोजगार और वन अधिकार जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर दृढ़ता से काम कर रही है। यह आदिवासियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम, पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा देने और आदिवासी युवाओं के बीच उद्यमिता विकास जैसे विभिन्न कार्यक्रम चलाता है। उन्होंने कहा कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेलवे परियोजना और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में राष्ट्रीय राजमार्गों के निरंतर निर्माण से विकास के नये आयाम स्थापित हो रहे हैं।
आदिवासी लोग हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और हमारा इरादा उन्हें कमजोर छोड़ने का नहीं है।
श्री शर्मा ने कहा कि आदिवासी हमारे समाज का अहम हिस्सा हैं और हम इस हिस्से को कमजोर नहीं छोड़ेंगे बल्कि इसे मजबूत करेंगे. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज पारंपरिक कृषि पद्धतियों, जल संरक्षण तकनीकों और पशुधन प्रबंधन के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। जनजातीय परंपराओं, कला, शिल्प और जीवनशैली ने हमेशा राजस्थान के सांस्कृतिक प्रवाह को समृद्ध किया है। इसने सांस्कृतिक विरासत, राष्ट्रीय गौरव और साहस के संरक्षण के क्षेत्र में भी एक अद्वितीय उदाहरण स्थापित किया।
उपप्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री दीया कुमारी तथा जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खलाड़ी ने कहा कि राज्य सरकार समाज के सभी क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जनजातीय क्षेत्र विकास हितधारकों से प्राप्त सभी सुझावों को संकलित करने और उन्हें 2024-25 के संशोधित बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। मुख्य सचिव श्री सुधांशु पंत ने कहा कि राज्य सरकार पहली बार जनजाति क्षेत्र के विकास से जुड़े प्रतिनिधियों से सम्पर्क स्थापित कर बजट के लिये प्रस्ताव आमंत्रित कर रही है।
इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मामलों के स्टाफ प्रमुख श्री शुभ्रा सिंह, जल संसाधन विभाग के चीफ ऑफ स्टाफ श्री अभय कुमार, वित्त विभाग के स्टाफ प्रमुख श्री अखिल अरोड़ा, ऊर्जा विभाग के स्टाफ प्रमुख श्री आलोक , और वन एवं पर्यावरण के लिए श्री चीफ ऑफ स्टाफ, श्री श्री अपर्णा उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय के सदस्यों के अलावा अरोड़ा, मुख्य सचिव श्री शिखर अग्रवाल, मुख्य सचिव श्री कुलदीप लंका (मुख्यमंत्री) और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में श्री अरावली विचार मंच (उदयपुर), श्री सारथी (बांसवाड़ा), श्री बीर समाज विकास समिति (बीरमेर), श्री श्री शांतनु सिंह (भीलवाड़ा) सहित विभिन्न संगठनों ने भाग लिया। श्री राकेश दामोले (बांसवाड़ा), श्री श्री सूर्यप्रकाश बालंदा (उदयपुर), श्री मुन्नालाल सहरिया (बारां) एवं डॉ. रेखा कलाड़ी आदि प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किये।