वल्ला5 घंटे पहले
भास्कर संवाददाता वल्ला/बलवाड़ी
सामाजिक संगठनों के मार्गदर्शन में आदिवासी इलाकों में महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैं। इसमें मेड़ पर पेड़ लगाना और घर के आसपास बागवानी जैसे काम शामिल हैं। महिलाओं को सीड बॉल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इसका फायदा उठाते हुए वे बारिश होने पर सीड बॉल का इस्तेमाल कर पेड़ लगाने की कोशिश करेंगे।
संगठन ने वर्ला तहसील के मोहनपड़ावा गांव में एक स्वयं सहायता समूह की बहनों को गोरिल्ला बागवानी विधियों का उपयोग करके बीज बॉल तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया। समूह की बहनें फिलहाल एक कटोरी में 200 बीज तैयार कर रही हैं। महिलाओं के अलग-अलग समूह बारिश में सीड बॉल बनाते हैं। इन्हें खेतों की मेड़ों, खाली इलाकों और पहाड़ी चोटियों पर फेंक दिया जाता है। इससे बीज अंकुरित होते हैं, पौधे बनते हैं और अंततः पेड़ बनते हैं। क्षेत्र में हरियाली पैदा करना। इस दौरान महिलाओं को वनों और पर्यावरण का महत्व समझाकर उन्हें संरक्षित करने के लिए प्रेरित किया गया।
संस्था की ओर से संकुल प्रबंधक श्री हेमन्त केल्नर, श्री सुरेंद्र उइके, श्री योगेश कदम, श्री कथीराम एवं सभी बहनों ने प्रशिक्षण में भाग लिया। संस्था के सदस्यों ने बताया कि आदिवासी महिलाओं का एक समूह वरला तहसील क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. इसमें महिलाओं को समूह के माध्यम से अपने खेतों की मेड़ों में पेड़ लगाने, घर के सामने बागवानी करने और बीज तैयार करने की जानकारी दी जाती है। इसके आधार पर कुटवाड़ी, मेंदरिया पानी, वरला, केर्मला, खोर, पेंडारनिया और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के बारे में जन जागरूकता बढ़ा रही हैं।