प्रशांत किशोर ने बिहार में चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे हैं. हालांकि इस दौरान उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. कुछ उम्मीदवारों ने धन की कमी का हवाला देते हुए चुनाव में भाग लेने से इनकार कर दिया क्योंकि उनका नाम बिहार की मतदाता सूची में कहीं भी उल्लेखित नहीं था। आख़िरकार उन्होंने चार उम्मीदवारों की घोषणा कर दी और अब जनसराज पार्टी की ओर से स्टार प्रचारकों की सूची भी घोषित कर दी गई. इस लिस्ट में भी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक नई रणनीति लेकर आए हैं.
जनसराज ने चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 20 स्टार प्रचारकों की नियुक्ति की है. इस सूची में सभी क्षेत्रों के नेताओं को जगह दी गई है ताकि वे सभी वर्गों और समाजों तक पहुंच कर मतदाताओं को आकर्षित कर सकें। इसके अलावा सबसे खास बात यह है कि जनसराज संयोजक प्रशांत किशोर का नाम सबसे अंत में लिखा गया है. जनसराज के निवर्तमान अध्यक्ष मनोज कुमार भारती का नाम पहले नंबर पर और श्रीकृष्ण सिंह (एसके सिंह) का नाम दूसरे नंबर पर है, लेकिन उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं होने के कारण पार्टी को तलारी में उम्मीदवार बदलना पड़ा. स्टार प्रचारकों की सूची में पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव और सीतामढी के पूर्व सांसद सीताराम यादव का नाम भी शामिल है.
बिहार चुनाव: ऐसा क्या हुआ कि प्रशांत किशोर को बिहार में दो उम्मीदवार बदलने पर मजबूर होना पड़ा?
संबंधित समाचार
इसके अलावा इजाज अली, दुर्गा प्रसाद सिंह, मुनाजिर हसन, यादवांश गिरी, बसंत चौधरी, केसी सिन्हा, संतोष महतो, विनीता विजय, रामबारी चंद्रवंशी, आनंद मिश्रा, सकल देव सहनी, वसीम नैय्यर अंसारी, अनुराधा यादव, आजम हुसैन अनवर , सुनील कुमार और सिंह उर्फ छैला बिहारी का नाम भी शामिल है.
बिहार में इन चार सीटों पर उपचुनाव होंगे.
बिहार में जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें भोजपुर की तलारी सीट, कैमूर जिले की रामगढ़ सीट, बेलागंज सीट और गया की इमामगंज सीट शामिल हैं। इन चारों सीटों के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव नतीजों के साथ ही घोषित किये जायेंगे.
बिहार की लड़ाई में उतरे प्रशांत किशोर, तलारी सीट से एसके सिंह हैं उम्मीदवार!
ये सीटें खाली क्यों थीं?
बिहार की जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, वहां के सभी विधायक लोकसभा चुनाव के लिए निर्वाचित हुए हैं। आरा से तलारी विधायक सुदामा प्रसाद, बक्सर से रामगढ़ विधायक सुधाकर सिंह, गया से इमामगंज विधायक जीतन राम मांझी और जहानाबाद से बेलागंज विधायक सुरेंद्र यादव शामिल हैं. इस उपचुनाव में चार में से तीन सीटों पर महागठबंधन के विधायक थे, जबकि गया की इमामगंज सीट पर एक विधायक एनडीए का था, जिससे महागठबंधन की साख सबसे ज्यादा खतरे में है. उपचुनाव में महागठबंधन की ओर से तीन सीटों पर राजद और एक सीट पर सीपीआई (एमएल) चुनाव लड़ेगी. वहीं, एनडीए की ओर से बीजेपी दो और जेडीयू और हम एक-एक सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं.