बिगिनास। राजीव गांधी राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, पपरोला के स्नातकोत्तर प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के विद्यार्थियों ने ‘नीमा संस्था’ द्वारा आयोजित सुश्रति-2024 नामक अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेमिनार में भाग लिया। यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन महाराष्ट्र के पुणे शहर में आयोजित किया गया था। सम्मेलन में आयुर्वेद विश्वविद्यालय, पपरोला से डॉ. अक्षिता शर्मा, डॉ. संस्कृति नेमा, डॉ. स्वाति शर्मा, डॉ. पल्लवी, डॉ. प्रियंका, डॉ. निकिता और डॉ. आकांक्षा द्वारा शोध पत्र पढ़े गए। सम्मेलन में कुल 500 शोध पत्र पढ़े गये। इनमें डॉ. संस्कृति नेमा और डॉ. स्वाति शर्मा के रिसर्च पेपर को बेस्ट रिसर्च पेपर का अवॉर्ड मिला। यह सम्मेलन बांझपन के मुद्दों पर केंद्रित था।
दोनों शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्रों में बांझपन के उपचार पर प्रकाश डाला। डॉ. संस्कृति नेमा और डॉ. स्वाति शर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरु प्रोफेसर सोनी कपिल को दिया। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रोफेसर सोनी कपिल को सत्र अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने बांझपन के उपचार में आयुर्वेदिक पद्धतियों के योगदान पर चर्चा की तथा राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय पपरोला में बांझपन पर किए जा रहे कार्यों को सबके समक्ष प्रस्तुत किया। डॉ. अक्षिता शर्मा के मार्गदर्शन में राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय पपरोला के विद्यार्थियों ने सुश्रुति-2024 सम्मेलन की सांस्कृतिक संध्या में हिमाचल लोक नृत्य ‘नाटी’ का प्रदर्शन किया और प्रथम पुरस्कार जीतकर हिमाचल का नाम रोशन किया। प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर. प्रोफेसर सोनी कपिल ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सुश्रुति 2024 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सभी छात्रों को बधाई दी और डॉ. संस्कृति नेमा और डॉ. स्वाति शर्मा की सफलता पर गर्व व्यक्त किया।