Social Manthan

Search

डिजिटल युग में ब्रजराज सिंह कॉमिक्स के माध्यम से राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को जीवंत करते हैं।


जयपुर के चित्रकार और लेखक ब्रजराज सिंह से खास बातचीत (ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर: कहते हैं कि एक तस्वीर हजार शब्दों जितनी प्रभावशाली होती है. कहानी सुनाना एक ऐसा माध्यम है जो विचारों को सरल रूप में दर्शकों तक पहुँचाने की अनुमति देता है। वैसे तो कॉमिक्स शुरू से ही सभी के आकर्षण का केंद्र रही है। एक अच्छी मंगा कहानी मनोरंजन और ज्ञान का एक बेहतरीन संयोजन है, लेकिन आज के डिजिटल युग में न केवल कॉमिक्स बल्कि किताबें भी काफी हद तक पीछे छूट गई हैं। न केवल बच्चे बल्कि वयस्क भी अपनी किताबें लावारिस छोड़कर अपने सेल फोन में खोए हुए हैं। आज राष्ट्रीय कॉमिक्स दिवस पर हम आपको चित्रकार और लेखक ब्रजराज सिंह राजावत से मिलवाते हैं, जो पिछले चार दशकों से राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को कॉमिक्स के माध्यम से जीवंत करने पर काम कर रहे हैं। राजस्थान के गौरवशाली इतिहास से मीराबाई, महाराणा प्रताप, वीर दुर्गादास और कई अन्य ऐतिहासिक शख्सियतों को कॉमिक्स के माध्यम से युवाओं तक पहुंचाया जा रहा है।

कॉमिक बुक डे का महत्व: लेखक और चित्रकार ब्रजराज सिंह कहते हैं कि हर साल 25 सितंबर को कॉमिक बुक डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य कॉमिक पुस्तकों के पीछे की कला और विज्ञान का जश्न मनाना है। हम लोगों को कॉमिक पुस्तकें पढ़ने और साझा करने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं। मंगा एक किताब है जो तस्वीरों, चित्रों और पाठ के माध्यम से एक कहानी बताती है। यूरोप में पहली कॉमिक बुक 1837 में प्रकाशित हुई थी। यह पुस्तक, द एडवेंचर्स ऑफ मिस्टर ओबद्याह ओल्डबक, स्विस लेखक रुडोल्फ टोएफ़र द्वारा लिखी गई थी और बहुत लोकप्रिय हुई। तब से, मंगा के प्रति जुनून बढ़ गया है।

राष्ट्रीय कॉमिक्स दिवस 2024जयपुर के चित्रकार एवं लेखक ब्रजराज सिंह (ईटीवी भारत जयपुर)

ब्रजराज सिंह कहते हैं कि एक तस्वीर हजारों शब्दों के बराबर प्रभावशाली होती है। कहानी सुनाना एक ऐसा माध्यम है जो आपको विचारों को चित्रों के रूप में रखकर आसानी से दूसरों तक पहुँचाने की अनुमति देता है। मंगा कहानियाँ शुरू से ही सभी के आकर्षण का केंद्र रही हैं। गुणवत्तापूर्ण सामग्री वाली कॉमिक्स ज्ञान और संपूर्ण मनोरंजन का एक बेहतरीन संयोजन है, लेकिन आज की डिजिटल क्रांति के साथ कॉमिक्स का क्रेज काफी कम हो गया है। युवा पीढ़ी अभी भी केवल मोबाइल फोन तक ही सीमित थी। इस डिजिटल युग में न केवल कॉमिक्स बल्कि किताबें भी काफी हद तक पीछे छूट गई हैं। न केवल बच्चे बल्कि वयस्क भी अपनी किताबें लावारिस छोड़कर अपने सेल फोन में खोए हुए हैं। ऐसे में कॉमिक बुक डे मनाना बहुत सार्थक हो जाता है.

मंगा के माध्यम से राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को बताया जा रहा हैकॉमिक्स के माध्यम से बता रहे हैं राजस्थान का गौरवशाली इतिहास (ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ना। विशेष सुविधा: हँसी महत्वपूर्ण है क्योंकि “हँसी सबसे अच्छी दवा है”!

50 से ज्यादा कार्टून: लैपटॉप और मोबाइल की दुनिया में ब्रजराज सिंह कार्टून के जरिए नई दुनिया रचने का अनोखा प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने राजस्थान के गौरवशाली इतिहास, लोककथाओं और पौराणिक कथाओं पर आधारित लगभग 50 कॉमिक्स बनाई हैं और उनकी रचनात्मक यात्रा जारी है। . भावपूर्ण चित्रण, सुंदर रंग योजना और संवाद से बुनी कहानी नई पीढ़ी के लिए एक अनोखा उपहार है। ब्रजराज सिंह को ‘हादीरानी का बलिदान’, ‘वीर दुर्गादास राठौड़’, ‘मीरा बाई’, ‘गौरा बादल’, ‘शकुंतला’, ‘मुम्मर महेंद्र’, ‘सैनी बिद्या’ और ‘वीर हे है’ जैसी कृतियों के लिए जाना जाता है ‘सावलकर’ और ‘अभिशप्त भटगल’ जैसे प्रसिद्ध कार्टून लिखे जो समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और कई पुस्तकों में प्रकाशित हुए हैं। ऐतिहासिक शख्सियतों के बारे में लोक कथाओं को चित्रों के माध्यम से युवा पीढ़ी तक पहुँचाने की एक पहल। पिछले चार दशकों से ब्रजराज राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को कॉमिक्स के माध्यम से जीवंत करने पर काम कर रहे हैं। विशेष रूप से, उन्होंने अपने तूलिका से राजस्थान के विभिन्न लोक देवताओं की महान आकृतियों के साथ-साथ लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले प्रेरक महान लोगों को भी चित्रित किया है।

फोटो बनाते ब्रजराज सिंहफोटो बनाते ब्रजराज सिंह (ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ना। विश्व हास्य दिवस: केसरदेव मारवाड़ी का एकमात्र पंथ: तनावपूर्ण जीवन में हंसने के लिए कुछ पल निकालें।

बचपन से ही चित्रकला में रुचि: बचपन से ही चित्रकला में रुचि रखने वाले ब्रजराज सिंह को बचपन से ही लिखने की प्रेरणा उनके पिता वरिष्ठ साहित्यकार शंभू सिंह राजावत अर्पज्ञ ने दी थी। उनका कहना है कि यह गुण उन्हें विरासत में मिले हैं। मैंने अपनी कला की शिक्षा कॉलेज ऑफ आर्ट्स, जयपुर से पूरी की और अपना 5 वर्षीय ललित कला डिप्लोमा मेरिट सूची में प्रथम स्थान पर प्राप्त किया। चित्रों को राज्य और राष्ट्रीय कला प्रदर्शनियों में प्रदर्शित किया गया। बचपन से ही उन्हें राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और वीरतापूर्ण इतिहास से विशेष लगाव रहा है, जिसके कारण उन्होंने यहां के बहादुर पुरुषों और महिलाओं की कहानियों को चित्रित किया है। अच्छा इतिहास हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है और बुरे इतिहास की गलतियों से हम सबक सीख सकते हैं।

कॉमिक्स में राजस्थान का इतिहासकार्टून में राजस्थान का इतिहास (ईटीवी भारत जयपुर)

ब्रजराज कहते हैं कि जो व्यक्ति अतीत से कट जाता है, वह वर्तमान से नहीं जुड़ पाता या भविष्य की योजना नहीं बना पाता। इसलिए हमें अपने अतीत के इतिहास से जुड़े रहने की जरूरत है। अंग्रेजों ने भारतीयों को उनके इतिहास से काट दिया, और उनके सांस्कृतिक प्रतीकों और मूल्यों को विदेशी आक्रमणकारियों के शासन में नुकसान हुआ। यह सब उन्हें इतना परेशान कर गया कि उन्होंने खुद को इस काम में समर्पित कर दिया। कलम और तूलिका का प्रयोग कर हमने राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को एक नया मंच दिया है। ब्रजराज सिंह राजावत को कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जिनमें मुख्य रूप से दूरदर्शन राष्ट्रीय पुरस्कार, दूरदर्शन उपलब्धि पुरस्कार, राजस्थान कला अकादमी छात्रवृत्ति, राव शेखा इंस्टीट्यूट जोधपुर और दुर्गादास राठौड़ मेमोरियल इंस्टीट्यूट जयपुर पुरस्कार प्राप्त करने का अवसर मिला है।



Source link

संबंधित आलेख

Read the Next Article

तुल्यकालन ऑयस्टाफ रिलीज की तारीख: 20 अक्टूबर, 2025 (सोमवार) 13:55 [IST] अयोध्या दिवाली 2025 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स: राम नगरी अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया और दीयों की चमक में राम नगरी स्वप्नलोक जैसी लग रही थी। हर गली, हर घाट, हर मंदिर सुनहरी रोशनी से नहाया हुआ है। दिवाली के इस पवित्र … Read more

Read the Next Article

अंतिम अद्यतन: 20 अक्टूबर, 2025, 13:40 (IST) देहरादून ताज़ा समाचार: देहरादून की महिलाएं इस दिवाली ‘स्पीक फॉर लोकल’ के नारे को साकार कर रही हैं। स्वयं सहायता समूहों की 1700 से अधिक महिलाएं पारंपरिक दीपक, सजावट के सामान और उपहार की टोकरियां बनाकर न केवल त्योहार को स्वदेशी रंग दे रही हैं, बल्कि आर्थिक रूप … Read more

Read the Next Article

बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को राजद और कांग्रेस की ओर से सीट बंटवारे में धोखा मिलने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि महागठबंधन के सहयोगी दलों ने सीट शेयरिंग पर झामुमो को पूरी तरह अंधेरे में रखा। इससे नाराज होकर झामुमो ने बिहार की छह विधानसभा सीटों … Read more

नवीनतम कहानियाँ​

Subscribe to our newsletter

We don’t spam!