नयी दिल्ली, 14 फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि डिजिटल मुद्राओं को लेकर रिजर्व बैंक के साथ चर्चा की जा रही है और इस संबंध में कोई भी निर्णय विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में कहा था कि रिजर्व बैंक नए वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) जारी करेगा. उन्होंने यह भी घोषणा की कि 1 अप्रैल से अन्य डिजिटल संपत्तियों से होने वाले मुनाफे पर 30% की दर से कर लगाया जाएगा।
वित्त मंत्री ने रिजर्व बैंक की केंद्रीय बोर्ड बैठक को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय बैंक और सरकार डिजिटल मुद्राओं पर सहयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सीबीडीसी पर बजट से पहले रिजर्व बैंक के साथ चर्चा हुई थी और अभी भी जारी है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कई अन्य मुद्दों की तरह इस मुद्दे पर भी केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच आंतरिक रूप से चर्चा हो रही है।
उन्होंने कहा, इस संबंध में जो भी बात हो, हम सरकार से बात करते रहे हैं।
हालाँकि सीबीडीसी एक डिजिटल मुद्रा है, लेकिन इसकी तुलना अन्य निजी डिजिटल मुद्राओं या क्रिप्टोकरेंसी से नहीं की जा सकती है जिन्होंने हाल के दशकों में लोकप्रियता हासिल की है। निजी डिजिटल मुद्राएँ व्यक्तिगत ऋण या ऋण का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। यह पैसा नहीं है, और यह निश्चित रूप से मुद्रा नहीं है।
दास ने पिछले हफ्ते कहा था कि केंद्रीय बैंक को कोई जल्दी नहीं है और वह सीबीडीसी से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार कर रहा है।
पिछले साल दिसंबर में जारी रिज़र्व बैंक की ”भारतीय बैंकिंग में रुझान और प्रगति” रिपोर्ट में कहा गया था कि सीबीडीसी का व्यापक आर्थिक नीति-निर्माण पर प्रभाव को देखते हुए, शुरुआत में एक बुनियादी मॉडल अपनाया जाना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक नीति और बैंकिंग प्रणाली पर प्रभाव को कम करने के लिए एक व्यापक समीक्षा की आवश्यकता है।