यह अवस्था आम तौर पर 40 से 50 वर्ष की उम्र के बीच शुरू होती है, लेकिन धूम्रपान करने वाली महिलाओं में यह पहले भी हो सकती है।
धूम्रपान और जल्दी रजोनिवृत्ति का खतरा: जो महिलाएं बहुत अधिक धूम्रपान करती हैं उनमें अन्य महिलाओं की तुलना में जल्दी रजोनिवृत्ति का खतरा अधिक होता है। इस अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उनमें जल्दी रजोनिवृत्ति का खतरा अधिक होता है। रजोनिवृत्ति वह चरण है जिसमें महिला को मासिक धर्म आना बंद हो जाता है। आम तौर पर, यह अवस्था 40 से 50 की उम्र के बीच शुरू होती है, लेकिन जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, उनके लिए यह उम्र कम हो सकती है और रजोनिवृत्ति पहले शुरू हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, शीघ्र रजोनिवृत्ति या शीघ्र रजोनिवृत्ति एक महिला के स्वास्थ्य पर कई तरह से नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। (दुष्प्रभाव और शीघ्र रजोनिवृत्ति)
धूम्रपान और रजोनिवृत्ति के बीच संबंध (धूम्रपान और रजोनिवृत्ति कैसे संबंधित हैं?)
सिगरेट में निकोटिन नामक पदार्थ होता है जो महिलाओं के अंडाशय को कमजोर कर देता है। इससे महिला में पैदा होने वाले अंडों की संख्या कम हो जाती है और रजोनिवृत्ति जल्दी हो जाती है।
इसी तरह धूम्रपान से भी शरीर में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है। एस्ट्रोजन हड्डियों को मजबूत रखता है और हृदय रोग से बचाता है। इस हार्मोन की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। (शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा कम होने के प्रभाव)
अनुसंधान क्या कहता है?
शोध से पता चलता है कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं को धूम्रपान न करने वाली महिलाओं की तुलना में एक से दो साल पहले रजोनिवृत्ति का अनुभव हो सकता है। आप जितनी अधिक सिगरेट पीएंगे, जल्दी रजोनिवृत्ति का खतरा उतना ही अधिक होगा।
वहीं, जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उनमें भी हड्डी टूटने का खतरा अधिक होता है।
सावधानियां क्या हैं?
धूम्रपान न केवल आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह आपकी हड्डियों, हृदय और अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए अगर महिलाएं धूम्रपान की आदत छोड़ दें तो वे इन सभी स्वास्थ्य समस्याओं और बीमारियों के खतरे को कम कर सकती हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकती हैं।
(आईएएनएस)
अस्वीकरण: लेख में साझा की गई जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए साझा की गई है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। आपको किसी भी बीमारी या विशिष्ट स्वास्थ्य स्थिति के संबंध में हमेशा किसी पेशेवर से परामर्श लेना चाहिए। किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह पर ही उपचार प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।